देश में कारोबार कर रही सीमेंट कंपनियों के लिए निगेटिव खबर है। कम्प्टीशन कमीशन ऑफ इंडिया (Competition Commission of India(CCI) देश की कुछ सीमेंट कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का मन बनाया है। सूत्रों की मानें तो सीसीआई द्वारा कुछ दिग्गज सीमेंट कंपनियों पर भारी भरकम पेनाल्टी लगाई जा सकती है। इसका असर कंपनी के शेयरों पर नजर आ सकता है।
सीमेंट कंपनियों से क्यों नाराज है CCI, भारी पेनाल्टी लगाने की तैयारी, जानिये क्या है वजह – CCI in preparation for imposing heavy penalty against cement companies know what is the reason ACC Ultratech Dalmiya Bharat Shree Cement Ambuja Cements
सीएनबीसी-आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी ने इस मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि सीमेंट कंपनियों द्वारा Cartelization (व्यावसायिक गुटबंदी) करने को लेकर सीसीआई ने सख्त रवैया अपनाने का निर्णय लिया है। कार्टेलाइजेशन को लेकर सीमेंट कंपनियों के खिलाफ CCI भारी भरकम पेनाल्टी लगाने की तैयारी में है। वहीं सूत्रों के मुताबिक उनके खिलाफ ऑर्डर जारी करने से पहले CCI ने कुल 20 कंपनियों से उनका जवाब मांगा है।
असीम ने सूत्रों के हवाले से कहा कि CCI की जांच में 20 सीमेंट कम्पनियों के खिलाफ Cartelization के सबूत मिले हैं। सीसीआई ने एसीसी (ACC), अल्ट्राटेक (Ultratech), डालमिया भारत (Dalmiya Bharat) श्री सीमेंट (Shree Cement), नुवोको विस्टास (Nuvoco Vistas) और अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) समेत 20 कंपनियों पर जांच की है।
सीसीआई की जांच में पाया गया है कि व्यावसायिक रूप से गुटबंदी को अंजाम देने के लिए कंपनियां E-mail और Whatsapp के जरिए एक दूसरे से संपर्क में रहती थी। एक तरफ तो बाजार में इनके बीच व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है लेकिन वहीं दूसरी तरफ ये प्राइसिंग को लेकर Cartelization भी करती थीं।
असीम ने कहा कि ये कंपनियां आपसी सांठगांठ करके कीमतें तय करती थीं। सीसीआई की जांच में इस प्रकार के ज्यादा मामले देश के पूर्वी (eastern) और दक्षिणी (southern) रीजन में सामने आये हैं। जहां कि Anti-competitive Agreement से या फिर सीमेंट कंपनियों की आपसी साठगांठ से कीमतें (Pricing) तय की जाती थीं।
इतना ही कंपनियों की इस मिलीभगत (Nexus) में सीमेंट उत्पादक एसोसिएशन (cement manufacturer association) भी शामिल था।
इसलिए CCI ने अपनी जांच पूरी करने के बाद संबंधित कंपनियों को अपना पक्ष रखने को कहा है। माना जा रहा है कि कंपनियों की तरफ से जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर सीसीआई द्वारा सीमेंट कंपनियों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है। बता दें कि सीमेंट कंपनियों के खिलाफ ऐसे आरोप इसके पहले भी कई बार लग चुके हैं।
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)