सरकार ने बताया है कि देश में ईंधन की मांग में इजाफा हुआ है। तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (Petroleum Planning and Analysis Cell(PPAC) के आंकड़ों से सोमवार को पता चला कि जुलाई में भारत की ईंधन की डिमांड सालाना आधार पर 6.1% बढ़ी है।
तेल मंत्रालय ने कहा – जुलाई महीने में भारत की ईंधन डिमांड सालाना 6.1% बढ़ी – Oil Ministry said Indias fuel demand grew 6.1 percent yoy in July
वहीं पिछले महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो ईंधन की खपत जुलाई में कुल 17.62 मिलियन टन थी। जो कि जून के महीने में 18.68 मिलियन टन से 5.7% कम रही।
OANDA के वरिष्ठ विश्लेषक एडवर्ड मोया ने कहा, “भारत के ईंधन डिमांड आउटलुक में सुधार हो रहा है। वहीं भारत की इकोनॉमी कंजम्पशन में मजबूत उछाल लाने के लिए तैयार है। इसके साथ ही सर्विस सेक्टर को निरंतर आगे बढ़ने की ओर अग्रसर नजर आ रही है।”
इसके अलावा ईंधन की डिमांड पिछले महीने की तुलना में कम रही है क्योंकि उच्च कीमतों ने डिमांड पर असर डालना शुरू कर दिया है। यदि तेल की कीमतें फिर से बढ़ती हैं तो ऐतिहासिक रूप से निम्न स्तर पर पहुंचे रुपये के साथ देश संघर्ष करता दिखेगा।
गैसोलीन (gasoline) या पेट्रोल (petrol) की बिक्री एक साल पहले के 28.1 लाख टन से 6.8% अधिक रही।
भारत की सरकारी रिफाइनर कंपनियों द्वारा जुलाई में गैसोलीन और गैस तेल की बिक्री एक महीने पहले की बिक्री से गिर गई है। मानसून की बारिश ने गतिशीलता और निर्माण कार्य को अवरुद्ध कर दिया जिससे ये गिरावट देखने को मिली। जबकि उच्च मुद्रास्फीति ने माल की कुल डिमांड को घटा दिया।
रसोई गैस या लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (liquefied petroleum gas (LPG) की बिक्री 1.7% बढ़कर 24.1 लाख टन हो गई है। जबकि नाफ्था (naphtha) की बिक्री 6.2% गिरकर 11.4 लाख टन हो गई।
सड़क बनाने में इस्तेमाल होने वाले कोलतार (bitumen) की बिक्री में 1.4% की वृद्धि हुई। जबकि ईंधन तेल के उपयोग में जुलाई में 19.8% की वृद्धि देखने को मिली।