जल्द ही दिखने लगेंगे मंदी के संकेत, यूएस फेड मार्च 2023 में ब्याज दर में करेगा 0.25% की कटौती: मार्क मैथ्यूज – Signs of recession will be visible soon, US Fed will cut interest rate by 0.25% in March 2023: Mark Matthews

भले ही यूएस फेड चैयरमैन ने जैक्शन होल सिम्पोजियम में आगे ब्याज दरों में और बढ़त के संकेत दिए हो लेकिन जूलियस बियर के एशिया रिसर्च हेड मार्क मैथ्यूज का मानना है कि यूसफेड की तरफ से ब्याज दरों में बढ़त को लेकर निवेशकों की चिंता जल्द ही खत्म होती दिखेगी। मनीकंट्रोल को दिए गए अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सितंबर के बाद यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरों में हो रही बढ़त पर ब्रेक लग जाएगा।

मार्क मैथ्यूज के ये विचार मानी मार्केट के आम अनुमान के एकदम अलग हैं। अधिकांश बाजार दिग्गजों का मानना है कि यूएस फेड वर्तमान चक्र में अपनी ब्याज दरों में कुल 3 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकता है। बता दें की यूएस फेड 2022 में अब तक पहले ही ब्याज दरों में 2.25 फीसदी की बढ़त कर चुका है।

इस बातचीत में मैथ्यूज ने आगे कहा, “ब्याज दर में (सितंबर में) बढ़त की मात्रा क्या होगी, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन हमें लगता है कि अगस्त में भी महंगाई में गिरावट जारी रहेगी।” गौरतलब है कि अमेरिकी मनी मार्केट का अनुमान है कि यूएस फेड सितंबर में ब्याज दरों में 1.50 फीसदी की वृद्धि करेगा।

मैथ्यूज का ये भी मानना है कि अमेरिका में महंगाई 9 फीसदी से ज्यादा के 41 सालों के हाई को हिट करते हुए जून में ही अपने पीक पर पहुंच चुकी थी। उनका ये भी कहना है कि ग्लोबल क्रूड ऑयल की कीमतें 2023 में फिसलकर 75 डॉलर प्रति बैरल पर आ सकती हैं।

मैथ्यूज ने मनीकंट्रोल से हुई इस बातचीत में जो सबसे बड़ी बात कही वो ये है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक मार्च 2023 की अपनी पॉलिसी मीट में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है। उन्होंने कहा “जब तक मंदी नहीं होगी तब तक ब्याज दरों में बढ़त का दौर थमेगा नहीं। अगर मंदी न हो तो भी हमें लगता है कि यूएस फेड मार्च 2023 में दरों में 0.25 फीसदी की कमी करेग। क्योंकि उस समय तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के स्पष्ट संकेत मिलने शुरू हो जाएंगे। मार्च तक ऐसे संकेत साफ होने के साथ ही यूएस फेड महंगाई को कम करने के अपने मिशन के पूरा होने का ऐलान कर सकता है ”।

मैथ्यूज हाल के दिनों में भारतीय इक्विटी बाजार में विदेशी निवेशकों की रुचि एकबार फिर बढ़ने ले हैरान हैं। पिछले 10 महीनों में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयरों की बिक्री के बाद विदेशी निवेशकों ने अगस्त में 43,000 करोड़ रुपये से अधिक के भारतीय शेयरों में शुद्ध खरीदारी की है।

मार्क मैथ्यूज ने कहा “भारतीय बाजार में फिर से शुरू हई एफआईआई की इस खरीद का चीन के साथ कुछ संबंध हो सकता है। इस समय चीन में राजनीति और रेग्यूलेशन सब कुछ बहुत जटिल हो गया है। विदेशी निवेशकों के लिए चीन का बाजार मुश्किल होता जा रहा है। इसका फायदा भारत को मिल रहा है। अगर आप इमर्जिंग मार्केट (उभरते बाजार) पेकिंग ऑर्डर को देखें तो इसमें केवल ब्राजील और भारत निवेश के नजरिए से अच्छे नजर आ रहे हैं। इन दोनों के बीच भी भारत ज्यादा बेहतर है”।

मार्क मैथ्यूज ने आगे कहा कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में एक ऐसा दशक खो दिया है जिसमें 2003-2011 की अवधि में हमें भारी मात्रा एनपीए के साथ ही 2016 के आसपास नोटबंदी के साथ शुरू हुआ सुधार भी देखने को मिला।

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मैथ्यूज ने कहा “हमारे पास सुधारों को एडजस्ट (समायोजित) करने का समय है। मुझे लगता है कि भारत में एक मजबूत कैपेक्स चक्र (पूंजी निवेश का दौर) आ रहा है जिससे आगे अर्निंग में ग्रोथ दिखने को संभावना है ”।

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