टाटा ग्रुप (Tata Group) के सैटेलाइट टेलीविजन कारोबार टाटा स्काई (Tata Sky) को इस साल की शुरुआत में टाटा प्ले (Tata Play) के रूप में नए ब्रांड के तौर पर लॉन्च किया गया था और अब इसका आईपीओ लाने की तैयारी चल रही है। जानकारी के मुताबिक टाटा प्ले इस महीने के आखिरी तक बाजार नियामक सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस फाइल कर सकती है। यह आईपीओ करीब 30-40 करोड़ डॉलर (2391-3188 करोड़ रुपये) का हो सकता है। इस आईपीओ के तहत टेमासेक और टाटा कैपिटल अपनी हिस्सेदारी घटा सकते हैं और नए शेयरों को भी जारी करने की योजना है।
Tata Group की एक और कंपनी के लिस्टिंग की तैयारी, इस महीने सेबी के पास कागजात जमा कर सकती है Tata Play – tata group next listing preparation as tata sky rebranded as Tata Play may file for IPO this month know here about issue size and more details
करीब 18 साल पहले शुरू हुई थी कंपनी
टाटा स्काई का कारोबार करीब 18 साल पहले वर्ष 2004 में शुरू हुआ था। यह टाटा संस (Tata Son) और नेटवर्क डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन सर्निसेज एफजेड-एलएलसी (एनडीडीएस) के बीच 80:20 साझेदारी में खोला गया था। एनडीडीएस रूपर्ट मर्डोक (Rupert Murdoch) के 21 सेंचुरी फॉक्स (21 Century Fox) की इकाई है। डिज्नी ने 2019 में फॉक्स को खरीद लिया और इसके अलावा डिज्नी की टीएस इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड के जरिए भी टाटा स्काई में 9.8 फीसदी हिस्सेदारी थी। फॉक्स की टाटा स्काई में 49 फीसदी हिस्सेदारी थी। टाटा संस की इसमें 41.49 फीसदी हिस्सेदारी है।
रीब्रांडिंग के चलते आईपीओ में देरी
जानकाारी के मुताबिक पिछले साल ही आईपीओ को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी थी लेकिन इसके बाद रीब्रांडिंग के चलते इस प्रक्रिया को रोक दिया गया। टाटा स्काई की टाटा प्ले के रूप में रीब्रांडिंग के बाद फिर से इस पर काम शुरू हुआ और अब इस महीने के आखिरी तक सेबी के पास ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस फाइल हो सकता है। जनवरी 2020 में टाटा ग्रुप ने डायरेक्ट टू गोम सर्विसेज से कारोबार को ओटीटी और ब्रॉडबैंड में विस्तार करने की नीति के तहत इसे रीब्रांड किया था।
देश की सबसे बड़ी डीटीएच कंपनी
टाटा प्ले 33.23 फीसदी मार्केट शेयर के साथ देश में डीटीएच सेवाएं देने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। 31 मार्च तक उपलब्ध ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक देश में 6.69 करोड़ डीटीएच सब्सक्राइबर्स हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में इसका रेवेन्यू सालाना आधार पर 4682 करोड़ रुपये से बढ़कर 4741 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि मुनाफे में कोई खास बदलाव नहीं हुआ और वित्त वर्ष 2021 में 68.75 करोड़ रुपये की तुलना में 68.6 करोड़ रुपये रहा।