आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल म्यूचुअल फंड (ICICI Prudential Mutual Fund) के सीनियर फंड मैनेजर मितुल कलावडिया (Mittul Kalawadia) ने बाजार की आगे की चाल और देश की इकोनॉमी की दशा और दिशा पर बात करते हुए कहा कि अगर आगे आने वाला कैपिटल एक्सपेंडीचर साइकिल (पूंजी निवेश चक्र) मजबूत रहता है तो भारत की लिस्टेड सरकारी कंपनियां एक बार फिर 2001-2011 की अवधि का अपना शानदार प्रदर्शन दोहराती नजर आ सकती हैं। वहीं दूसरी तरफ यदि यह कैपेक्स साइकिल मध्यम स्तर की रहती है तो सरकारी कंपनियों का प्रदर्शन पिछले अपसाइकिल के मुकाबले कमजोर रह सकता है।
PSUs शेयरों में देखने को मिल सकती है जोरदार तेजी, बैंकिंग और पावर शेयरों में नजर आ रहे कमाई के मौके: मितुल कलावडिया – There can be a strong rise in PSUs shares-good opportunities are visible in banking and power stocks-Mitul Kalavadia
बताते चलें कि मितुल कलावड़िया हाल ही में लॉन्च आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल म्यूचुअल फंड के पीएसयू इक्विटी फंड का मैनेजमेंट करेंगे। इनका मानना है कि सरकारी कंपनियां पिछले 1 दशक के कमजोर प्रदर्शन के बाद अब शानदार प्रदर्शन के नए दौर में प्रवेश कर रही हैं।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले 4-5 साल के दौरान सरकारी कंपनियों के तुलनात्मक रुप से कमजोर प्रदर्शन के चलते सरकारी कंपनियों को लेकर बाजार को रुख काफी निगेटिव रहा है। कलावाड़िया का कहना है कि पीएसयू सेक्टर में आने वाली इस तेजी का अधिकतम फायदा उठाने के लिए इकोनॉमिक साइकिल के अपमूव के शुरुआती चरण में ही पीएसयू सेक्टर की दमदार कंपनियों में निवेश करने की रणनीति अपनानी चाहिए । इनका मानना है कि किसी निवेशक के लॉन्ग टर्म पोर्टफोलियो में पीएसयू स्टॉक की भागीदारी जरूर होनी चाहिए।
निवेश के नजरिये से पीएसयू कंपनियों में कहां हो नजर ? इस सवाल का जवाब देते हुए कलावाडिया ने कहा कि इस समय पीएसयू बैंक और पावर दो ऐसे पॉकेट हैं जहां बिजनेस साइकिल अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच चुका है। अब यहां से इनमें तेजी आएगी। पीएसयू बैंक बैंड लोन के अपने क्रुचक्र से बाहर निकल गए हैं। हमें लगता है कि अब यह सेक्टर एक बार फिर से 2001-2011 के दौर की अपनी तेजी दोहराने के लिए तैयार है।
इकोनॉमी के गति पकड़ने के साथ ही क्रेडिट डिमांड में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही बढ़ते ब्याज दरों के बढ़ने के दौर में बैंकों की लेंडिंग रेट्स में भी बढ़ोतरी होगी। जिससे इसके मार्जिन में मजबूती आएगी। इसी तरह पावर सेक्टर भी नई तेजी के लिए तैयार नजर आ रहा है। देश में इकोनॉमिक गतिविधियों में तेजी के साथ ही पावर डिमांड में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते पावर डिमांड और पावर सप्लाई के बीच का गैप बढ़ता दिख रहा है। इससे अगले 2-3 सालों मे पावर कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
पावर कंपनियों के वैल्यूएशन पर नजर डालें तो इस समय बाजार में कई अच्छे पावर स्टॉक सस्ते में मिल रहे हैं। ऐसे में हमें पावर सेक्टर पर लंबे नजरिए से कमाई के अच्छे मौके नजर आ रहे हैं।
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