राइट रिसर्च (Wright Research) की सोनम श्रीवास्तव ने बाजार की आगे की दशा और दिशा पर मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में कहा है कि बाजार में शॉर्ट टर्म में वोलैटिलिटी देखने को मिल सकती है। अमेरिका के महंगाई आंकड़े आने के बाद से ही दुनिया भर के बाजारों में उठापटक मची हुई है। जिससे भारतीय बाजार भी अछूते नहीं है लेकिन लॉन्ग टर्म के नजरिए से देखें तो भारत अभी भी आकर्षक बना हुआ है। ग्रोथ में मजबूती और अच्छा वैल्यूएशन कुछ ऐसी वजहें है जो भारतीय बाजार की चमक बरकरार रखे हुए हैं।
Daily Voice| शॉर्ट टर्म में इक्विटी मार्केट में जारी रहेगी उठापटक, IPO मार्केट में रहेगी सुस्ती: सोनम श्रीवास्तव – Daily Voice-Sonam Srivastava of Wright Research feels IPO space will remain dull as volatility continues in equity markets
सोनम श्रीवास्तव का मानना है कि यूएस फेडरल रिजर्व अपनी ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़त कर सकता है जिसके चलते अमेरिका में ब्याज दरें 2008 के अपने हाइएस्ट लेवल पर पहुंच सकती है। उन्होंने इस बातचीत में यह भी कहा कि सेकेंडरी मार्केट में उतार-चढ़ाव के बीच आगे आईपीओ बाजार में भी सुस्ती देखने को मिल सकती है। शॉर्ट में बाजार के लिए कई चुनौतियां नजर आ रही हैं लेकिन लॉन्ग टर्म के नजरिए से भारतीय बाजार का आउटलुक काफी अच्छा है।
अगले कुछ सालों में भारत में तेज ग्रोथ देखने को मिलेगी। भारतीय बाजार में पिछले 3 महीनों से तेजी देखने को मिल रही है। वैल्यूएशन के नजरिए से देखें तो भी पहले की तुलना में भारतीय बाजार का वैल्यूएशन अभी कम नजर आ रहा है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों के लिए हमारी करेंसी सस्ती है। भारत को सबसे बड़ा फायदा उसकी डेमोग्रॉफी से है।
हमारे पास बहुत बड़ी संख्या में कार्य कौशल रखने वाली आबादी है। साथ ही देश मे उपभोग का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। देश के पास एक मजबूत बैंकिंग सिस्टम और कैपिटल मार्केट है। हाल के दिनों में भारत के इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर में भी मजबूती आई है और इसमें लगातार ग्रोथ देखने को मिल रही है। इसके अलावा ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के मोर्चे पर हुई प्रगति भी भारत को निवेश के लिए एक अच्छा बाजार बना रहा है। इसके चलते आगे हमें अच्छा विदेशी निवेश आता नजर आएगा।
आईपीओ मार्केट पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि सेकेंडरी मार्केट की उठापटक के बीच आगे हमें आईपीओ बाजार में सुस्ती देखने को मिल सकती है। Pharmeasy ने अपने आईपीओ प्लान को होल्ड पर डाल दिया है। इसके अलावा हाल के दिनों में हमको किसी नए आईपीओ का ऐलान होते नहीं दिखा। हाल में ही आए पेटीएम, जोमैटो जैसे आईपीओ की दुरगति को देखते हुए बाजार की मंदी की स्थिति में कंपनियां आईपीओ लाने से बचेंगी।
ऑटो सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कच्चे माल की कीमतों में गिरावट और घरेलू बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए ऑटो इंडस्ट्री निवेश के लिहाज से अच्छी नजर आ रही है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ग्रीन टेक पर फोकस से इस इंडस्ट्री को और सपोर्ट मिल रहा है। ऐसे में अगर ऑटो में कोई शॉर्ट टर्म करेक्शन आता है तो हमें अच्छी क्वालिटी के ऑटो स्टॉक्स में खरीदारी करनी चाहिए।
आईटी सेक्टर पर आपनी राय देते हुए सोनम ने कहा कि अमेरिका में महंगाई के आंकड़े सामने आने के बाद से आईटी सेक्टर बुरी तरह से पिटा है। गौरतलब है कि भारतीय आईटी कंपनियां मुख्य रूप से अमेरिकी टेक कंपनियों को अपनी सेवाएं देती हैं। ऐसे में निफ्टी आईटी अमेरिकी बाजार के साथ कदमताल करता दिखता है। अगर अमेरिका में मंदी आएगी की तो इसकी सबसे ज्यादा चोट भारत की आईटी कंपनियों पर पड़ेगी। इसी आशंका के चलते भारत में आईटी की पिटाई हो रही है।
अमेरिकी बाजार में अस्थिरता और अमेरिकी बाजारों के साथ भारती आईटी सेक्टर के मजबूत संबंध को देखते हुए हमें लगता है कि जब तक अमेरिका में महंगाई और मंदी का डर कायम रहेगा तब तक आईटी क्षेत्र में अस्थिरता बनी रहेगी। इसलिए, हम नियटर्म में आईटी सेक्टर को लेकर सतर्क रहने के पक्ष में हैं। लेकिन वर्तमान स्तरों पर लंबी अवधि के लिए कुछ अच्छी क्वालिटी वाले बड़े आईटी शेयरों में खरीदारी करने की सलाह होगी।
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