मोदी सरकार की मेक इन इंडिया (Make In India) नीति ने कारोबारी अवसरों को बढ़ाया है। ऐसे में अनुभव वाली कंपनियों पर निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है और शेयरों में खरीदारी हो रही है। आज कारोबार के दौरान इंट्रा-डे में त्रिवणी इंजीनियरिंग (Triveni Engineering) और हर्क्यूलिस होइस्ट्स (Hercules Hoists) के शेयरों में अपर सर्किट लग गया। हालांकि इसके बाद प्रॉफिट बुकिंग के चलते भाव में कुछ नरमी आई। हर्क्यूलिस होइस्ट्स तो आज 52 हफ्ते के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।
इन दो कंपनियों के शेयर में निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी, आज इंट्रा-डे में लग गया अपर सर्किट – these two companies soar up to 20 percent on heavy volumes make in india policy in favour
हर्क्यूलिस होइस्ट्स का कारोबार मुख्य रूप से दो सेग्मेंट- मैटेरियल हैंडलिंग एक्विपमेंट और विंडमिल पॉवर में है। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक 23 सितंबर 2022 को होगी जिसमें डीमर्जर के प्रस्ताव पर विचार होना है। कंपनी की मैन्यूफैक्चरिंग और इंवेस्टमेंट एक्टिविटीज को अलग-अलग करने यानी डीमर्जर की संभावनाओं को लेकर 26 मई 2022 को बोर्ड ने आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी थी।
कंपनी के वित्तीय स्थिति की बात करें तो तिमाही आधार पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही कंपनी के लिए बेहतर रही। इसका रेवेन्यू मार्च 2022 तिमाही में 3.05 करोड़ रुपये से मामूली गति से बढ़कर अप्रैल-जून 2022 में 3.10 करोड़ रुपये रहा। हालांकि समान अवधि में नेट प्रॉफिट 7.2 लाख रुपये से बढ़कर 23 लाक रुपये पर पहुंच गया।
त्रिवेनी इंजीनियरिंग की बात करें तो इसका कारोबार कई सेग्मेंट में है लेकिन मोटे तौर पर यह सूगर और एलाइड बिजनेस और इंजीनियरिंग बिजनेस में है। सूगर और एलाइड बिजनेस के तहत यह चीनी बनाती है और एल्कोहॉल को डिस्टिल्ड करती है। वहीं इंजीनियरिंग कारोबार के तहत यह हाई स्पीड गियर्स, गियरबॉक्स बनाती है और वॉटर/वेस्ट ट्रीटमेंट सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है।
कंपनी के वित्तीय स्थिति की बात करें तो जून 2022 तिमाही में इसका मुनाफा तेज गिरा है लेकिन रेवेन्यू में उछाल रही। इसका नेट प्रॉफिट मार्च 2022 तिमाही में 10.17 करोड़ रुपये से जून 2022 तिमाही में गिरकर 5.96 करोड़ रुपये रह गया लेकिन इसी अवधि में रेवेन्यू 118.74 करोड़ रुपये से बढ़कर 136.04 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।