भारतीय शेयर बाजार में इस साल की शुरुआत से ही कई ग्लोबल कारणों के चलते कमजोरी देखी जा रही है। हालांकि इसके बावजूद साल 2021 में लिस्ट हुए कई छोटी कंपनियों के शेयरों में इस साल भी चमक बरकरार है। कुछ कंपनियों के शेयरों में तो 10 गुना तक की उछाल आ चुकी है।
पिछले साल इन 55 छोटी कंपनियों के आए IPO, बाजार में कमजोरी के बावजूद 33 ने दिया तगड़ा रिटर्न – SME IPOs of last year 33 of 55 stocks trading above offer price
पिछले डेढ़ सालों में इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के साथ शेयर बाजार में आए स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (SME) की सफलता उन कंपनियों के लिए एक अच्छा संकेत है, जो सूचीबद्ध होने की योजना बना रहे हैं।
प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में कुल 55 स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (SME) के IPO लिस्ट हुए और कुल 726.78 करोड़ रुपये जुटाए। इनमें से 33 के शेयर अपने इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहे हैं।
नॉलेज मरीन एंड इंजीनियरिंग वर्क्स का 9.59 करोड़ रुपये का IPO मार्च 2021 में सूचीबद्ध हुआ था। कंपनी का इश्यू प्राइस 37 रुपये था और यह अभी इससे करीब 15 गुना ऊपर कारोबार कर रहा है। इसी तरह BEW इंजीनियरिंग का सितंबर 2021 में 3.75 करोड़ रुपये का आया आईपीओ, फिलहाल अपने 58 रुपये के इश्यू प्राइस से करीब 14 गुना ऊपर है।
पिछले साल लिस्ट हुई EKI एनर्जी सर्विसेज, बॉम्बे मेट्रिक्स सप्लाई चेन और कोटायार्क इंडस्ट्रीज के शेयर अपने इश्यू प्राइस से 10 से 13 गुना बढ़ गए हैं।
इसके अलावा 14 SME के शेयर पिछले साल से अब तक 100 से 900 फीसदी के बीच बढ़ चुके हैं। इनमें CWD, पार्टी क्रूजर, प्रीवेस्ट डेनप्रो, नूपुर रिसाइकलर्स, श्री वेंकटेश रिफाइनरीज, ग्रेटेक्स कॉरपोरेट सर्विसेज, डू डिजिटल टेक्नोलॉजीज, राजेश्वरी कैन्स, प्रोमैक्स पावर, जैनम फेरो अलॉयज, प्लेटिनमॉन बिजनेस सर्विसेज, सिद्धिका कोटिंग्स, क्लारा इंडस्ट्रीज और वीवो कोलैबोरेशन सॉल्यूशंस का नाम शामिल है।
कुछ ही समय में तगड़े रिटर्न देने के बावजूद, एनालिस्ट इन इश्यू को लेकर सावधनी बरतने की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे इश्यू को लेकर सेंटीमेंट बहुत जल्द बदल जाता है और केवल कुछ खराब लिस्टिंग निवेशकों को भरोसे को कम करने के लिए पर्याप्त है।
UnlistedArena.com के को-फाउंडर मनन दोशी ने बताया, “जिन SME के आईपीओ आए हैं, उनमें से अधिकतर व्यवसाय अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में हैं। ऐसे में उनमें निवेश करने से काफी जोखिम भरा होता है, लेकिन जोखिम के साथ लाभ मिलने की भी अधिक संभावना रहती है। इन मामलों में कारोबार की संभावनाओं, प्रमोटरों का ट्रैक रिकॉर्ड और कॉर्पोरेट गवर्नेंस का मूल्यांकन करना चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि कई बिजनेसों की सीमित कारोबारी उपस्थिति होती है। इन पहलुओं की जांच करना अहम है, वरना कई बार निवेश महंगा साबित हो सकता है।”