प्राइवेट सेक्टर के बैंक Yes Bank और RBL Bank का लक्ष्य इस वित्त वर्ष 15 फीसदी की लोन ग्रोथ हासिल करने का है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (FICCI) और इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए गए एनुअल बैंकिंग कॉन्फ्रेस में CNBC-TV18 से बात करते हुए आरबीएल बैंक के एमडी और सीईओ आर सुब्रमण्यकुमार (R Subramaniakumar) ने कहा है कि बैंक का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है और हमको यह सुनिश्चित करना होगा कि बैंक अपने विकास के रास्ते पर अच्छी तरह से बढ़ता रहे।
Yes Bank और RBL Bank अपनी ग्रोथ स्टोरी को लेकर बुलिश, इस साल क्रेडिट में 15% बढ़त का रखा लक्ष्य – Yes Bank and RBL Bank bullish on their growth story-targets 15 percent increase in credit this year
अगले 60 से 90 दिनों में आरबीएल बैंक कुछ नए लोन प्रोडक्ट करेगा लॉन्च
उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि बैंक के वर्तमान लोन प्रोडक्ट्स में आगे करीब 20 फीसदी की ग्रोथ की उम्मीद है। अगले 60 से 90 दिनों में बैंक कुछ नए लोन प्रोडक्ट लॉन्च करेगा। उन्होंने इस बातचीत में यह भी कहा कि डिपॉजिट ग्रोथ पर फोकस करते हुए हमें उम्मीद है कि आगे सभी सेगमेटों में अच्छी लोन ग्रोथ देखने को मिलेगी। डिपॉजिट स्ट्रैटजी पर हमारा फोकस बना हुआ है। इस महीने खुलने वाले अकाउंट की संख्या में पिछले महीने की तुलना में लगभग दोगुने की बढ़ोतरी देखने को मिली है। आरबीएल बैंक के पास पर्याप्त लिक्विडिटी है लेकिन हम जल्द ही डिपॉजिट में बढ़ोतरी शुरू करने वाले हैं।
यस बैंक की ग्रोथ दर इंडस्ट्रीज से बेहतर
यस बैंक (Yes Bank) के एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा कि यस बैंक ग्रोथ के रास्ते पर अच्छी तरह से बढ़ रहा है। लाइबिलिटीज के नजरिए से देखें तो यस बैंक की ग्रोथ दर इंडस्ट्रीज से बेहतर है। उन्होंने आगे कहा कि उम्मीद है कि आगे कॉस्ट ऑफ डिपॉजिट में वर्तमान लेवल से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। लेकिन इससे पहले मार्जिन पर कोई असर नहीं पडेगा क्योंकि लोन रेट्स में भी बढ़ोतरी जारी रहेगी।
प्रशांत कुमार ने इस बातचीत में यह भी कहा कि यस बैंक को एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC) में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए आरबीआई के अप्रूवल की कोई जरूरत नहीं है। हम एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी में पहले 9.99 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए निवेश करेंगे और उसके बाद अपने हिस्सेदारी में बढ़ोतरी करने के लिए आरबीआई में आवेदन करेंगे।
बतातें चलें कि आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में लिये गए निर्णय का असर इकोनॉमी पर पड़ता है। बैंक अपने लेडिंग और डिपॉजिट रेट को आरबीआई के दरों के आधार पर निर्धारित करते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है तब बैंकों को केंद्रीय बैंक से ऊंची कीमत पर शॉर्ट टर्म फंड उधार लेना होता है। बैंकरों और बाजार जानकारों का मानना है कि डिपॉजिट को लेकर मारा-मारी जारी रहने की उम्मीद है। क्योंकि आरबीआई अपनी ब्याज दरों में और बढ़ोतरी करेगा। साथ ही क्रेडिट ग्रोथ में विस्तार जारी रहेगा। जानकारों का यह भी मानना है कि मार्च तक आरबीआई अपनी ब्याज दरों को 5.90 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी पर ला सकता है।