सरकारी स्वामित्व वाली भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) उन 5 कंपनियों में शामिल है, जिन्होंने 200 वंदे भारत ट्रेनों को बनाने और अगले 35 साल तक उनके रखरखाव का कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए बोली लगाई है। यह पूरा कॉन्ट्रैक्ट करीब 58,000 करोड़ रुपये की है। BHEL ने यह बोली टीटागढ़ वैगन्स के साथ मिलकर लगाई है। BHEL के अलावा इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए बोली लगाने वालों में फ्रांसीसी रेलवे कंपनी एल्सटॉम (Alstom), स्विटजरलैंड की रेलवे रोलिंग स्टॉक कंपनी स्टैडलर रेल और हैदराबाद मुख्यालय वाली मीडिया सर्वो ड्राइव्स के कंसोर्टियम मेधा-स्टैडलर, सीमेंस और BEML का कंसोर्टियम, और एक भारतीय फर्म के साथ रूसी रोलिंग स्टॉक कंपनी ट्रांसमाशहोल्डिंग (TMH) का कंसोर्टियम शामिल है।
BHEL ने 200 वंदे भारत ट्रेनों को बनाने के लिए लगाई बोली, ₹58,000 करोड़ का है पूरा कॉन्ट्रैक्ट – BHEL among 5 bidders for Rs 58000 crore deal to manufacture maintain 200 Vande Bharat trains
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि डील के तहत, 26,000 करोड़ रुपये की राशि ट्रेनों की डिलीवरी के लिए एडवांस में दिए जाएंगे। वहीं इनके रखरखाव के लिए 35 साल की अवधि में 32,000 करोड़ रुपये का किश्तों में भुगतान किया जाएगा।
भारतीय रेलवे फिलहाल कॉन्ट्रैक्ट के लिए तकनीकी बोलियों का मूल्यांकन कर रहा है। वित्तीय बोलियां को अगले 45 दिनों में खुलने की उम्मीद है। टेंडर डॉक्यूमेंट के मुताबिक, बोली जीतने वाली विजेता कंपनी को 24 महीने के भीतर वंदे भारत रेलगाड़ियों के लिए स्लीपर क्लास का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार करना होगा।
यह भी पढ़ें- Policybazaar में अपनी 5% हिस्सेदारी घटाएगी SoftBank, कल ब्लॉक डील में बेचेगी ₹1,000 करोड़ के शेयर
भारतीय रेलवे 2024 की पहली तिमाही तक वंदे भारत ट्रेन को स्लीपर कोच के साथ शुरू करने की तैयारी में है। अभी तक, जिन 102 वंदे भारत ट्रेनों को बनाने के कॉन्ट्रैक्ट दिए गए हैं, वे सभी चेयर कार वाली ट्रेने हैं।
उम्मीद की जा रही है कि वंदे भारत ट्रेन अब तक की सबसे आधुनिक स्लीपर क्लास ट्रेन होगी। इन ट्रेनों के स्लीपर क्लास-वर्जन को नई दिल्ली-पटना, नई दिल्ली-लखनऊ और अन्य रूटों पर चलाया जाएगा।