क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) की ग्लोबल इक्विटीज स्ट्रैटेजी टीम ने 2023 के लिए भारत की रेटिंग को ‘अंडरवेट’ से बढ़ाकर ‘बेंचमार्क’ कर दिया है। भारत की रेटिंग में यह अपग्रेडेशन देश की इकोनॉमी में निहित ताकत को ध्यान में रखकर किया गया है। इस विदेशी ब्रोकरेज हाउस ने कहा है कि भारतीय बाजार के हाई वैल्यूएशन और भुगतान संतुलन में कमजोरी को देखते हुए भारत की रेटिंग ‘ओवरवेट’नहीं की गई है।
क्रेडिट सुइस ने भारत की रेटिंग ‘अंडरवेट’ से बढ़ाकर ‘बेंचमार्क’ की, जानिए किन शेयरों पर है इसकी नज़र – Credit Suisse raised Indias rating from underweight to benchmark
अगले साल भारत का भुगतान संतुलन रहेगा निगेटिव
क्रेडिट सुइस ने ये भी कहा है कि अगले साल भारत का भुगतान संतुलन निगेटिव जोन में रह सकता है। क्रेडिट सुइस के इंडिया हेड ऑफ रिसर्च नीलकंठ मिश्रा का कहना है कि हमें उम्मीद है कि साल 2023 में भारत के जीडीपी में मजबूत बढ़त देखने को मिलेगी। सरकारी खर्च में बढ़त, लो इनकम ज़ॉब में बढ़ोतरी और सप्लाई चेन से जुड़ी समस्याओं में सुधार से देश की जीडीपी को बल मिलेगा।
भारत के लिए कहां से नजर आ रहा है जोखिम? इस पर बात करते हुए मिश्रा ने कहा कि कच्चे तेल के आयात और विदेशी पूंजी पर निर्भरता के साथ ही ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी भारत के लिए नेगेटिव साबित हो सकती है।
भारत के EPS अनुमान में किसी बड़ी कटौती का अनुमान नहीं
हालांकि क्रेडिट सुइस का यह भी कहना है कि वित्त वर्ष 2024 और 2025 के लिए भारत के EPS अनुमान में किसी बड़ी कटौती का अनुमान नहीं है। हालांकि इसमें किसी बड़ी बढ़त की भी उम्मीद नहीं है। क्रेडिट सुइस भारतीय बाजार में बैंकों और NBFC स्टॉक्स पर ओवर वेट है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि ये स्टॉक भारत की घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर हैं। इन पर ग्लोबल मंदी का बहुत असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा सीमेंट, स्टेपल और कंस्ट्रक्शन सेक्टर पर भी क्रेडिट सुइस ओवरवेट है। दूसरी तरफ यह इंडस्ट्रियल आईटी और मेटल पर अंडरवेट है। क्रेडिट सुइस का मानना है कि भारी करेक्शन के बावजूद अभी भी आईटी शेयर काफी महंगे दिख रहे हैं। आगे हमें इनके ईपीएस अनुमान में कटौती होती दिख सकती है।
क्रेडिट सुइस: कैसा होगा 2023?
क्रेडिट सुइस का कहना है कि 2023 में सरकारी खर्च बढ़ने की उम्मीद है। इसके साथ ही कम आय वाली नौकरियां बढ़ने की भी उम्मीद है। आगे हमें सप्लाई की दिक्कत खत्म होती दिखेगी। क्रेडिट सुइस का मानना है कि 2023 में महंगी ब्याज दरों का असर दिखेगा और ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी गहराएगी। भारत को अपना व्यापार घाटा कम करने की जरूरत है। 2022 में भारतीय बाजारों ने आउटपरफॉर्म किया। अब भारतीय बाजारों का बढ़ता प्रीमियम आगे जारी रहना मुश्किल है। आगे ग्लोबल बाजारों में उठापटक जारी रह सकती है।
क्रेडिट सुइस के 2023 के टॉप पिक्स
क्रेडिट सुइस का कहना है कि ICICI बैंक,HUL,SBI,L&T,अल्ट्राटेक, BoB और इंडसइंड बैंक 2023 में आउटपरफॉर्मर रह सकते हैं। वहीं, TCS और डी मार्ट 2023 के अंडरपरफॉर्मर साबित हो सकते हैं।