लाइफ साइंसेज टेक्नोलॉजी कंपनी इंडीजीन लिमिटेड (Indegene Ltd) ने अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास आवेदन जमा कराए हैं। मामले से वाकिफ सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि कंपनी अपने IPO 2,750 करोड़ से लेकर 3,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की तैयारी में है। इंडीजीन लिमिटेड में इंफोसिस के को-फाउंडर एनएस राघवन ( NS Raghavan) और दुनिया की प्रमुख इक्विटी फर्मों में से एक कार्लाइल ग्रुप (Carlyle Group) ने इसमें निवेश किया हुआ है। अगर इंडीजीन की IPO लाने की योजना सफल रहती है तो यह टीसीएस (TCS) के बाद देश का अब तक की सबसे बड़ा एंटरप्राइजेज टेक/आईटी सर्विसेज आईपीओ होगा।
Indegene IPO: इंफोसिस के को-फाउंडर NS राघवन के निवेश वाली यह कंपनी लाएगी आईपीओ, ₹3,000 करोड़ तक जुटाने की तैयारी – Indegene ltd ipo Infosys co-founder NS Raghavan backed firm files papers to raise Rs 3000 crore
TCS साल 2004 में 4,713 करोड़ रुपये का आईपीओ लाई थी। यह भी दिलचस्प है कि इंडीजीन ने अपने IPO के लिए उसी दिन आवेदन किया है, जिस दिन इंफोसिस के स्थापना के 40 साल पूरे हुए हैं।
Indegene के आईपीओ में नए शेयर और मौजूदा शेयरधारको/प्रमोटरों की तरफ से ऑफर-फॉर-सेल (OFS) दोनों शामिल होगा। आवेदन के लिए जमा डॉक्यूमेंट के मुताबिक, कंपनी करीब 950 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी। वहीं करीब 3.63 करोड़ शेयरों को कंपनी के शेयरधारकों/प्रमोटरों की तरफ से बिक्री के लिए रखा जाएगा।
यह भी पढ़ें- Share Market: चौतरफा गिरावट के बीच सेंसेक्स 878 अंक लुढ़का, निवेशकों के ₹3 लाख करोड़ रुपये डूबे
IPO से मिली रकम को यहां खर्च करेगी कंपनी
नए शेयरों की बिक्री से मिली रकम का इस्तेमाल कंपनी अपनी एक सब्सिडियरी पर लदे कर्ज को कम करने, कैपिटल एक्सपेंडिचर की जरूरतों को पूरा करने और अधिग्रहण के मौकों की तलाश और दूसरे सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों को पूरा करने में करेगी।
ये शेयरधारक बेचेंगे अपनी हिस्सेदारी
एक सूत्र ने बताया कि प्रस्तावित IPO में जो शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे, उनमें इंफोसिस के को-फाउंडर एनएस राघवन की फैमिली ऑफिस, ब्राइटन पार्क कैपिटल और प्रमोटर ग्रुप शामिल हैं। Indegene एक तेजी से ग्रोथ करने वाली फर्म है, जो कम पेंट्रेशन वाले लाइफ साइंसेज सेगमेंट में ग्रोथ की मौजूद विशाल क्षमता का लाभ उठाने की तलाश में है।
IPO के लिए इन्हें बनाया लीड मैनेजर्स
कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Capital), सिटीग्रुप (Citi), जेपी मॉर्गन (JP Morgan) और नोमुरा (Nomura) इस आईपीओ के लिए इनवेस्टमेंट बैंकर्स के तौर पर काम कर रहे हैं। वहीं सिरील अमरचंद मंगलदास और शार्दुल अमरचंद मंगलदास इसकी लीगल एडवाइजर्स हैं।
साल 1998 में मनीष गुप्ता ने शुरू की थी कंपनी
साल 1998 में मनीष गुप्ता ने इंफोसिस को छोड़कर अपने 4 दोस्तों के साथ इंडीजीन की स्थापना की थी। मनीष गुप्ता ही इस समय इंडीजीन लिमिटेड के सीईओ हैं। बेंगलुरु मुख्यालय वाली इंडीजीन को फार्मा कंपनियों, ग्लोबल बायोटेक सेक्टर की बड़ी कंपनियों और मेडिकल डिवाइस प्लेयर्स के लिए फुल-स्टैक डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और टेक पार्टनर के रूप में देखा जाता है।