Dabur India: दिग्गज एफएमसीजी कंपनी डाबर इंडिया (Dabur India) के शेयरों में आज गिरावट देखने को मिली है। इस समय यह शेयर 1.30 फीसदी की गिरावट के साथ 581.85 रुपये प्रति शेयर के भाव पर कारोबार कर रहा है। वहीं, इंट्राडे में शेयर 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ 569 रुपये प्रति शेयर के भाव पर कारोबार कर रहा था। दरअसल, ब्लॉक डील के जरिए प्रमोटर्स ने डाबर इंडिया में 1.65 करोड़ शेयर बेच दिए हैं, जो कि 0.9 फीसदी इक्विटी के बराबर है। हालांकि, अभी बायर्स व सेलर्स के नामों का पता नहीं चल सका है। बता दें कि पहले कुछ रिपोर्ट्स में यह संभावना जताई गई थी कि कंपनी के प्रमोटर्स डाबर इंडिया में 800 करोड़ रुपये के शेयर बेच सकते हैं। ब्लॉक डील के 4 फीसदी डिस्काउंट पर होने की खबर के बाद इसके शेयरों में बिकवाली देखने को मिली है।
Dabur India: प्रमोटर्स द्वारा हिस्सेदारी बेचने से लुढ़का डाबर इंडिया, 3 फीसदी तक टूटा शेयर – Dabur India tumbles as promoter offloads marginal stake Share fell by 3 percent
6 महीने में 14 फीसदी बढ़ा है स्टॉक
सुबह 9:30 बजे यह स्टॉक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 3 फीसदी की गिरावट के साथ 571.05 रुपये पर कारोबार कर रहा था। उसी समय, ट्रेडिंग वॉल्यूम 39.9 लाख शेयर था, जो 20-दिन के एवरेज वॉल्यूम 26.8 लाख से अधिक था। हालांकि, यह स्टॉक पिछले छह महीनों में 14 प्रतिशत बढ़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसी खबर आई थी कि कंपनी के प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी को बाजार भाव से करीब 4 फीसदी डिस्काउंट पर बेचना चाहते हैं। गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) इस ब्लॉक डील के ब्रोकर हैं। बर्मन फैमिली कंपनी के प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप के पास सितंबर अंत तक कंपनी में 67.24 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। आज की बिक्री से उनकी हिस्सेदारी घटकर 66.3 फीसदी रह जाएगी।
क्या है टारगेट प्राइस
इस स्टॉक को लेकर एक्सपर्ट्स काफी पॉजिटिव हैं। ब्रोकरेज कंपनियों द्वारा इस शेयर को 33 बाय कॉल, 11 होल्ड कॉल और 1 सेल कॉल मिला है। ब्लूमबर्ग consensus ने 12 महीने के लिए टारगेट प्राइस 632 रुपये रखा है। दूसरी तिमाही में, इस एफएमसीजी कंपनी के कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 2.85 फीसदी की सालाना गिरावट आई है और यह 490.86 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जबकि परिचालन से इसका राजस्व 6 प्रतिशत बढ़कर 2,986.49 करोड़ रुपये हो गया है। नेट प्रॉफिट में गिरावट के बावजूद, एनालिस्ट्स इस शेयर को लेकर पॉजिटिव बने हुए हैं। इसकी वजह यह है कि कंपनी ने बादशाह मसाला के अधिग्रहण की घोषणा की।