Mamaearth IPO: फैशन रिटेलर कंपनी नायका के इश्यू में फंसे निवेशक अभी शेयरों की गिरावट से उबर भी नहीं पाए हैं कि उन्हें Mamaearth का इश्यू लुभाने आ गया है। कंपनी ने 30 दिसंबर को IPO पेपर सेबी में जमा किया था। इस ड्राफ्ट के मुताबिक, Mamaearth के इश्यू का वैल्यूएशन 1000 P/E है। कंपनी के इस वैल्यूएशन देखकर निवेशकों के होश उड़ चुके हैं।
Mamaearth IPO: जो निवेशक डर गया वो बच गया, कंपनी का वैल्यूएशन बेहद महंगा, 1000 P/E वाले इश्यू में क्या आप करेंगे निवेश – Mamaearth IPO valuation very high 1000 pe like nykaa Investors sound caution over issue valuation
मामाअर्थ, Honasa Consumer का फ्लैगशिप ब्रांड है। यह एक ब्यूटी और पर्सनल केयर कंपनी है। सेबी को जो ड्राफ्ट जमा किया गया है उसमें यह भी बताया गया है कि कंपनी विज्ञापनों और इनफ्लूएंसर पर कितना पैसा खर्च कर रही है। 30 सितंबर 2022 तक Mamaearth करीब 3958 इनफ्लूएंसर के साथ काम कर रही है।
Mamaearth: कितनी कमाई कितना विज्ञापनों पर खर्च
फिस्कल ईयर 2022 में Mamaearth ने 391 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए थे जबकि नेट सेल्स 932 करोड़ रुपए की थी। यानी कुल रेवेन्यू का करीब 40% रकम मार्केटिंग पर खर्च कर दिया गया था। फिस्कल ईयर 2021, फिस्कल ईयर 2020 और फिस्कल 2022 के पहले 6 महीनों में कंपनी ने इसी तरह मार्केटिंग पर खर्च किया है।
Complete Circle Capital के आदित्य कोंडावर ने ट्वीट किया है कि “यह बहुत ज्यादा है।” एक्सपर्ट इसे बहुत ज्यादा इसलिए बता रहे हैं क्योंकि रिटर्न ऑन एड स्पेंड (ROAS) पिछले तीन साल से 2.6% से बेहतर नहीं हो पाया है। ROAS से यह पता चलता है कि विज्ञापन पर हर एक रुपया खर्च करने पर कंपनी की आमदनी कितनी है।
Mamaearth का ROAS फिस्कल ईयर 2020 से अब तक 2.4 से 2.6 के बीच रहा है। जिस ब्रांड के रिपीट कस्टमर्स ज्यादा होते हैं उन्हें विज्ञापनों पर इतना खर्च नहीं करना पड़ता है। एक्सपर्ट्स का कहन है कि पिछले तीन साल में Mamaearth का ROAS बेहतर नहीं हो पाया है जिससे साफ है कि इसके रिपीट कस्टमर्स कम हैं।
Mamaearth के वैल्यूएशन का क्या है खेल
जब आप कंपनी का वैल्यूएशन देखते हैं तो विज्ञापन का खर्च आपको कम लगता है। कंपनी का प्लान 4.68 करोड़ शेयर जारी करके 400 करोड़ रुपए जुटाने की है। कंपनी जनवरी 2022 में यूनिकॉर्न बनी थी। इसका वैल्यूएशन तब 1.2 अरब डॉलर था। माना जा रहा है कि अपने IPO के जरिए Mamaearth 3 अरब डॉलर यानि करीब 24,000 करोड़ रुपए मार्केट कैप का टारगेट हासिल करना चाहती है।
फिस्कल ईयर 2022 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 14 करोड़ रुपए था। इस हिसाब से इसका प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो 1714 गुना बैठता है।
Mamaearth के इस वैल्यूएशन को देखकर सोशल मीडिया पर लोगों को काफी नाराजगी है। उन्होंने वैल्यूएशन के बारे में लिखा है कि यह ‘खतरनाक’ और ‘जबरन वसूली करने’ जैसा है। कई निवेशकों ने Twitter पर साफ कर दिया है कि वो इस आईपीओ से दूर रहेंगे। हालांकि इस मामले में पुष्टि के लिए मनीकंट्रोल इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स से संपर्क नहीं कर पाया है।
कंपनी को फिस्कल ईयर 2021 में 1332 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। जबकि फिस्कल ईयर 2020 में 428 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा था।
शुरुआत में जब New-Age कंपनियां इश्यू लेकर आईं तो जमकर प्रचार हुआ जिससे निवेशक आकर्षित भी हुए। स्वतंत्र मार्केट एनालिस्ट अंबरीश बलिगा ने कहा, ‘2021 में ऐसी कंपनियों के हाई वैल्यूएशन से निवेशकों को लगता था कि इनकी मांग बहुत ज्यादा है और कोई इसमें अपना एक हिस्सा चाहता है।’
लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। बालिगा ने Mamaearth की तुलना Nykaa से की है। उन्होंने कहा कि दोनों ही कंपनियां डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) हैं। और दोनों ही ब्यूटी और पर्सनल केयर सेगमेंट की कंपनी हैं।
बालिगा ने कहा, “Nykaa ने शुरुआत में काफी अच्छा रिटर्न दिया था लेकिन पिछली चार तिमाहियों से इसके प्रॉफिट में कोई तेजी नहीं आई है।” उन्होंने कहा कि निवेशकों को अब इस बात का अहसास हो गया है कि कैशफ्लो और आमदनी की ग्रोथ अहम है। इसलिए अब निवेशकों को दोबारा ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए।
New-Age टेक कंपनियों की बात करें तो नायका, पेटीएम और जोमैटो अपनी लिस्टिंग से अब तक 50% टूट चुके हैं।
Mamaearth के इश्यू में क्या है जोखिम?
Mamaearth ब्रांडनेम से कारोबार करने वाली Honasa के कारोबार की सबसे बड़ी चुनौती है कि इशकी आमदनी का जरिया लिमिटेड प्रोडक्ट है। कंपनी ने यह बात अपने ड्राफ्ट पेपर में भी लिखा है। फिस्कल ईयर 2020 में कंपनी की कुल आमदनी में टॉप 10 प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी 38.4%, फिस्कल ईयर 2021 में 30.38% और फिस्कल ईयर 2022 में 30.17% रही।
कंपनी ने ड्राफ्ट पेपर में साफ कहा है, “अगर इन प्रोडक्ट्स की सेल्स में गिरावट आती है तो उसका असर कंपनी की वित्तीय स्थिति और कैश फ्लो पर पड़ा सकता है।” Honasa ने बताया है कि उनके पास कोई प्लांट नहीं है। वो थर्ड पार्टी से सभी प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग कराते हैं।