जीएमडीसी (GMDC) का रिन्यूएबल एनर्जी में जोरशोर से क्षमता विस्तार का प्लान है। CNBC AWAAZ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक कंपनी की योजना अगले दो सालों विंड, सोलर पावर जनरेशन को बढ़ाने की है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी की योजना आने वाले दो साल में 348 MW पावर जनरेशन करने की है। कंपनी इस योजना पर करीब 2000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। सूत्रों के मुताबिक पावर प्लांट दो साल में तैयार हो जाएगा। कंपनी के प्लांट्स कच्छ के पांध्रो, माता नो मढ़, उमरसर में लगाये जायेंगे। कंपनी की योजना 300 MW सोलर, 48 MW विंड पावर बनाने की है। सूत्रों के मुताबिक इस योजना पर जर्मनी की कंपनी फिशनर ने रिपोर्ट तैयार की है। अभी कंपनी 200 MW विंड, 5 MW सोलर पावर बनाती है।
GMDC रिन्यूएबल एनर्जी में करेगी क्षमता विस्तार, विंड, सोलर पावर जनरेशन बढ़ाने का है प्लान- सूत्र – GMDC will expand capacity in renewable energy plans to increase wind solar power generation sources
इस खबर पर ज्यादा डिटेल बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के केतन जोशी ने कहा कि जीएमडीसी (GMDC) वैसे तो मिनरल के कारोबार से जुड़ी हुई कंपनी है लेकिन रिन्यूएबल एनर्जी में भी अपना योगदान दे रही है। इस समय ये 205 मेगावाट का पावर जनरेशन कर रही है लेकिन अगले दो साल में इस सेक्टर में कंपनी का एग्रेसिव प्लान है। इस प्लान के मुताबिक कंपनी अगले दो साल में 348 मेगावाट के पावर जनरेशन का काम शुरू कर देगी।
इसमें 300 मेगावाट सोलर पावर रहेगा और 48 मेगावाट विंड पावर रहेगा। सूत्रों ने सीएनबीसी-आवाज़ को बताया है कि इस पर कंपनी अगले 2 सालों में 2000 करोड़ रुपये का निवेश भी करने वाली है।
जर्मनी की एक फिशनर कंपनी है। इसने प्रोजेक्ट की पूरी रिपोर्ट बनाई है। इसे वे एमडी को सबमिट करेंगे। इसके बाद सरकार कुछ समय में इसकी घोषणा भी कर सकती है।
केतन ने आगे कहा कि कंपनी का जो पूरा एरिया है जहां से वो पूरा लिग्नाईट और मेटल ले रही है। वो इलाका गुजरात के कच्छ में ही है। इसके क्षमता विस्तार के लिए जो तीन साइट आइडेंटिफाई किये गये हैं। वह कच्छ के पांध्रो, माता नो मढ़, उमरसर हैं। इन तीनों जगहों पर प्लांट लगाये जायेंगे। यहां पर कुछ समय में कामकाज भी शुरू हो जायेगा।
केतन जोशी ने आगे कहा कि ये पूरा प्रोजेक्ट सिर्फ एक अप्रूवल के लिए गुजरात सरकार के पास गया हुआ है। अब हम ऐसा कह सकते हैं कि कंपनी जो कुल मिलाकर 205 मेगावाट की क्षमता पर काम कर रही थी वह क्षमता बढ़कर 348 मेगावाट हो जायेगी। इससे कंपनी की टॉपलाइन में भी अच्छा खासा सुधार दिखाई देगा।