Hindustan Unilever Share Price: हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के बोर्ड ने 19 फरवरी को एक चौंकाने वाला फैसला किया है जिसका नुकसान आने वाले समय में निवेशकों को उठाना पड़ सकता है। कंपनी के इस फैसले का असर शुक्रवार को शेयर प्राइस पर भी देखने को मिल सकता है। गुरुवार 19 जनवरी को HUL के बोर्ड ने अपनी पेरेंट कंपनी यूनीलिवर पीएलसी (Unilever Plc) को दी जाने वाली रॉयल्टी और दूसरी फीस में 80 बेसिस अंक यानि 0.80% का इजाफा कर दिया है। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस फैसले का कंपनी पर गलत असर पड़ सकता है। पेरेंट कंपनी को ज्यादा रॉयल्टी देने से कंपनी की बैलेंस शीट पर दबाव पड़ सकता है जिससे निवेशक परेशान हो सकते हैं। गुरुवार को HUL के शेयर 1.61% नीचे 2643.05 रुपये के लेवल पर बंद हुए हैं।
HUL के बोर्ड की इस फैसले से निवेशकों को लग सकता है झटका, जानिए जेफरीज ने क्या दी सलाह – Investors may get shocked by this decision of HUL board know what advice Jefferies gave
रॉयल्टी में टर्नओवर का इतना हिस्सा देगी HUL
एचयूएल ने यूनिलीवर पीएलसी को वित्त वर्ष 2022 के लिए दी जाने वाली रॉयल्टी और केंद्रीय सेवा शुल्क के तौर पर अपने टर्नओवर के 2.65 फीसदी हिस्से के बजाय 3.45 प्रतिशत तक हिस्सा देगी। यह नया समझौता पांच साल की अवधि के लिए लागू होगा। वहीं कंपनी की दिसंबर तिमाही की संख्या के आधार पर वृद्धि 1 फरवरी 2023 से तीन सालों के चरणबद्ध तरीके से प्रभावी होगी।
जेफ्रीज के एक्विटी एनालिस्ट की राय
जेफ्रीज के इक्विटी एनालिस्ट विवेक माहेश्वरी का कहना है कि आखिरी बढ़ोतरी 13 जनवरी को हुई थी और चरणों में भी थी, लेकिन एक महत्वपूर्ण अंतर जो हम देख रहे हैं वह यह है कि HUL अब अपने नियर पीक मार्जिन पर है, इसलिए यह वृद्धि पिछली बार की तुलना में ज्यादा नुकसानदायक साबित होगी। HUL का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट दिसंबर तिमाही में 12 प्रतिशत बढ़कर 2,505 करोड़ रुपये हो गया। वहीं FMCG बीहेमोथ का ऑपरेशन से होने वाला स्टैंडअलोन रेवेन्यू पिछले साल इसी अवधि में हुए 13,092 करोड़ रुपये के मुकाबले 15,228 करोड़ रुपये पर आ गया हो जो कि 16 फीसदी तक अधिक है।
कुल मिलाकर, माहेश्वरी ने कहा कि तीसरी तिमाही के नतीजे विकास के लिहाज से थोड़े बेहतर रहे और मार्जिन में चूक हुई। उन्होंने कहा कि EBITDA मार्जिन उम्मीद से थोड़ा कम था। इसमें 23.9 फीसदी तक के होने का अनुमान लगाया गयाथा पर यह 23.2 प्रतिशत के स्तर पर रहा। आने वाले वक्त में EBITDA मार्जिन में 8 फीसदी तक की ग्रोथ आने की उम्मीद की जा रही है। कंपनी का मैनेजमेंट आशावादी बना हुआ है और उनका मानना है कि मुद्रास्फीति का सबसे बुरा दौर बीत चुका है। जिससे कंज्यूमर डिमांड में धीरे धीरे सुधार होने की उम्मीद की जा सकती है।