PayMate India IPO : मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने कंपनियों के बीच (B2B) पेमेंट और सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी PayMate India से अपडेटेड जानकारियों के साथ फिर से IPO कागजात दाखिल करने के लिए कहा है। पेमेट इंडिया ने मई 2022 में सेबी के पास 1,500 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए दस्तावेज जमा कराए थे। ड्राफ्ट पेपर्स के मुताबिक, प्रस्तावित IPO में 1,125 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर और 375 करोड़ रुपये का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) शामिल है। सेबी की वेबसाइट पर ताजा जानकारी के अनुसार, नियामक ने 17 जनवरी, 2023 को कंपनी के डीआरएचपी को इस सलाह के साथ वापस कर दिया कि इसे संशोधन के बाद फिर से दायर किया जाए। हालांकि, आईपीओ दस्तावेज लौटाने की कोई विशेष वजह नहीं बताई गई है।
PayMate India को IPO के लिए फिर से करना होगा अप्लाई, सेबी ने अपडेटेड कागजात दाखिल करने का दिया निर्देश – SEBI asks PayMate India to refile IPO papers with certain updates
आईपीओ से जुड़ी डिटेल
कंपनी के प्रमोटर्स – अजय आदिशन और विश्वनाथन सुब्रमण्यन और निवेशकों के साथ – साथ ही लाइटबॉक्स वेंचर्स वन, मेफील्ड एफवीसीआई लिमिटेड, आरएसपी इंडिया फंड एलएलसी और आईपीओ वेल्थ होल्डिंग्स को बिक्री पेशकश के माध्यम से शेयर बेचने हैं। इसके अलावा, कुछ मौजूदा शेयरधारक इस मार्ग से शेयरों को बेचने की पेशकश कर रहे हैं। मौजूदा समय में प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप की कंपनी में 66.70 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है।
कंपनी के बारे में
पेमेट एक मल्टी-पेमेंट कैटेगरी प्लेटफॉर्म है जो अपने ग्राहकों को पूरी तरह से इंटीग्रेटेड B2B पेमेंट स्टैक देते हुए वेंडर पेमेंट, वैधानिक भुगतान और यूटिलिटी पेमेंट को शामिल करता है। यह प्लेटफॉर्म कंज्यूमर्स और उनके वेंडर्स, प्लायर्स, बायर्स, डीलर्स और डिस्ट्रिब्यूटर्स को डायरेक्ट टैक्स और जीएसटी के वैधानिक भुगतान के साथ-साथ यूटिलिटी पेमेंट करने के लिए कमर्शियल क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने की भी अनुमति देता है। पेमेट के साथ वीजा की साझेदारी है। यह पेमेट में एक शेयरधारक भी है, जो पूरी तरह से डायल्यूटेड पेड-अप इक्विटी शेयर कैपिटल के 2.94 फीसदी का मालिक है।
ICICI सिक्योरिटीज, HSBC सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल और HSBC कैपिटल मार्केट्स इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। इस महीने की शुरुआत में सेबी ने घरेलू मोबाइल बनाने वाली कंपनी लावा इंटरनेशनल और ट्रैवल-टेक फर्म ओयो की पेरेंट कंपनी ओरावेल स्टेज़ लिमिटेड के आईपीओ के मसौदे को वापस कर दिया था। उन्हें भी कुछ अपडेट के साथ दस्तावेजों को फिर से भरने को कहा गया।