सीनियर सिटीजंस 1.1 करोड़ रुपये के निवेश से कमा सकते हैं रिस्क-फ्री इनकम, जानिए कैसे – senior citizens may earn risk free regular income with investment of 1 1 crores here know how

यूनियन बजट 2023 सीनियर सिटीजंस के लिए बहुत अच्छा रहा। सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) और पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) में बदलाव के ऐलान किए गए। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने दोनों स्कीमों में इनवेस्टमेंट की लिमिट बढ़ा दी। नई लिमिट 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो जाएंगी। वित्तमंत्री ने महिलाओं के लिए महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट (MSSC) का भी ऐलान किया। सीनियर सिटीजंस के लिए पहले से एक स्कीम उपलब्ध है, जिसका नाम प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) है। इन सभी स्कीमों को मिला दिया जाए तो एक सीनियर सिटीजन को 1.1 करोड़ रुपये के इनवेस्टमेंट पर करीब 70,500 रुपये की मंथली इनकम होगी। आइए जानते हैं इसका गणित क्या है।

यूनियन बजट 2023 में हुए बड़े ऐलान

SCSS के तहत मैक्सिमम इनवेस्टमेंट लिमिट बढ़ाकर 15 लाख रुपये से 30 लाख रुपये कर दी गई है। इसका मतलब है कि एक सीनियर सिटीजन दंपती इस स्कीम में कुल 60 लाख रुपये का इनवेस्टमेंट कर सकता है। यह स्कीम इंडिया पोस्ट और कमर्शियल बैंकों में उपलब्ध है। इसकी अवधि 5 साल है।

मैच्योरिटी के वक्त इस स्कीम की अवधि तीन साल के लिए बढ़ाई जा सकती है। इसके इंटरेस्ट की समीक्षा सरकार हर तिमाही करती है। अभी इस स्कीम में सालाना इंटरेस्ट रेट 8 फीसदी है, जिसका पेमेंट हर तिमाही होता है।

POMIS में इनवेस्टमेंट की लिमिट बढ़ाकर सिंगल अकाउंट होल्डर के लिए 4.5 लाख रुपये से 9 लाख रुपये कर दी गई है। एक दंपती इसमें 18 लाख रुपये तक इनवेस्ट कर सकता है। इसमें इंटरेस्ट रेट सालाना 7.1 फीसदी है। पांच साल तक हर महीने इंटरेस्ट का पेमेंट होता है।

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MSSC नई स्कीम है। यह सिर्फ महिलाओं और लड़कियों के लिए है। इसमें मैक्सिमम 2 लाख रुपये का इनवेस्टमेंट किया जा सकता है। इसकी अवधि 2 साल होगी। इस स्कीम का इंटरेस्ट रेट 7.5 फीसदी है। इस स्कीम के बारे में ज्यादा जानकारी सरकार की तरफ से आने का इंतजार है।

आपको PMVVY को भूलना नहीं चाहिए। सीनियर सिटीजन इसमें 15 लाख रुपये तक का इनवेस्टमेंट कर सकता है। 10 साल की इस स्कीम का प्रबंधन Life Insurance Corporation करती है। इसका रिटर्न 7.4 फीसदी है। सीनियर सिटीज दंपती इस स्कीम में 30 लाख रुपये निवेश कर सकता है। उपर्युक्त चारों स्कीमों में एक सीनियर दंपती 1.1 करोड़ रुपये इनवेस्ट कर सकता है।

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यहां जानिए पूरा गणित

SCSS में एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये के कंट्रिब्यूशन पर सेक्शन 80सी के तहत इनकम टैक्स में डिडक्शन मिलेगा। यह उन सभी लोगों को मिलेगा, जो इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम को सेलेक्ट करेंगे। नियमित अंतराल पर अश्योर्ड रिटर्न सीनियर सिटीजन दंपती के लिए फायदेमंद रहता है। यह खासकर उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है, जिन्होंने कोई एन्युटी नहीं खरीदी है।

कैलकुलेशन यह दिखाता है कि सीनियर सिटीजन दंपती हर महीने करीब 70,500 रुपये की इनकम हासिल कर सकते हैं। लेकिन, इसके लिए कुछ शर्तें हैं। SCSS में इंटरेस्ट का पेमेंट हर तिमाही होता है। MSSC के इंटरेस्ट का पेमेंट सालाना, तिमाही या मंथली होगा, यह अभी पता नहीं है। इस कैलकुलेशन में यह माना गया है कि ऊपर्युक्त सभी स्कीमों में डिपॉजिट की गई रकम पर इंटरेस्ट मिलता है।

टैक्स और लॉक-इन का ध्यान रखें

प्लान रूपी इनवेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर अमोल जोशी इन स्कीमों को अट्रैक्टिव मानते हैं। खासकर उन लोगों के लिए ये अच्छे हैं जो कैपिल और उसके रिटर्न के साथ सुरक्षा भी चाहते हैं। उन्होंने कहा, “आपको यह ध्यान रखना होगा कि इन स्कीमों से मिलने वाला इंटरेस्ट टैक्स के दायरे में आता है।”

इसलिए पेंशन, एन्युटी और रेंटल इनकम पाने वाले लोगों को इफेक्टिव रिटर्न को ध्यान में रखना होगा। ऐसे इनवेस्टर्स जिनकी दूसरी कोई इनकम नहीं है, उन्हें न्यू टैक्स रीजीम को सेलेक्ट करने पर ज्यादातर इंटरेस्ट अपनी जेब में रखने का मौका मिलेगा। इसकी वजह यह है कि सेक्शन 87ए के तहत 7 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

SCSS और हेल्थ इंश्योरेंस में योजनाबद्ध तरीके से कंट्रिब्यूट करने वाले सीनियर टैक्सपेयर्स को भी इनकम टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक दूसरी बात जो दिमाग में रखने की जरूरत है वह है समय-समय पर पड़ने वाली कैश की जरूरत। इसलिए एक इमर्जेंसी फंड बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में रखना होगा।

आपको क्या करना चाहिए?

सीनियर सिटीजंस को अपनी कैश फ्लो की जरूरत को ध्यान में रखन इन स्कीमों में इनवेस्ट करना चाहिए। इन स्कीमों का इंटरेस्ट रेट्स अट्रैक्टिव हैं। अगले कुछ समय तक इनके इसी लेवल पर बने रहने की उम्मीद है। अगर आप रेगुलर इनकम की तलाश में हैं तो आप बड़े अमाउंट का निवेश कर सकते हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि अपको इक्विटी की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। लंबी अवधि में इक्विटी में इनफ्लेशन के असर को न्यूट्रलाइज करने की क्षमता होती है। हां, आपको अपने सभी इनवेस्टमेंट में नॉमिनी बनाना भी जरूरी है।

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