Stock Market में आज लगातार चौथे कारोबारी दिन बिकवाली का दबाव है। दोनों ही घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स BSE Sensex और Nifty 50 आज करीब डेढ़ फीसदी कमजोर हुए हैं। वहीं चार दिनों में मार्केट दो फीसदी से अधिक टूटा है और निवेशकों की पूंजी 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक कम हुई है। मार्केट में इस गिरावट के पीछे सिर्फ घरेलू ही नहीं बल्कि बाहरी वजहें भी हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जारी ल़ड़ाई के बीच पश्चिमी देशों को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की चेतावनी ने बाजार पर दबाव बनाया है। इसके लिए कुछ और वजहें हैं, जिसके चलते मार्केट में बिकवाली का दबाव है। यहां ऐसे छह कारणों के बारे में बताया जा रहा है।
चार दिन में निवेशकों के 3 लाख करोड़ स्वाहा, इन 6 कारणों से मार्केट में बिकवाली का दबाव – market down rupees 3 lakh crore of investor money gone know here 6 factors that affecting market
पुतिन की न्यूक्लियर वार्निंग
रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में चल रही लड़ाई के मद्देनजर पश्चिमी देशों को चेतावनी दी। पुतिन ने नाभिकीय हथियारों (न्यूक्लिर ऑर्म्स) से जुड़े समझौते को रद्द कर दिया है और न्यूक्लियर टेस्ट करने की चेतावनी दी है। अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटोनी ब्लिंकेन ने इसे बहुत बड़ा दुर्भाग्य और गैर-जिम्मेदराना बताया। वहीं नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने भी चिंता जताई है कि इससे पूरी दुनिया पर खतरा बढ़ गया है। नाटो के सेक्रेटरी जनरल ने पुतिन को अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है।
फेडरल रिजर्व के मीटिंग मिनट्स 22 फरवरी को जारी होंगे और निवेशक इसका इंतजार कर रहे हैं। इस मिनट्स से रेट हाइक को लेकर आगे क्या रुझान रहेगा, इसका संकेत मिलेगा। इससे यह भी पता चलेगा कि फेड की बैठक में कितने सदस्य ज्यादा रेट हाइक के पक्ष में थे और क्या उन्होंने बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जरूरत बताई?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) इस महीने के एमपीसी की बैठक के मिनट्स 22 फरवरी को जारी करने वाला है। निवेशकों की निगाह इस पर इसलिए है क्योंकि अब आगे रेट हाइक होगा या नही, इसे लेकर संकेत मिलेंगे। इसके अलावा निवेशकों की निगाहें जी-20 के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंकों के गवर्नरों की पहली बैठक में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा के भाषण पर भी रहेगी जिसमें रेट हाइक को लेकर आगे के रुझानों का अनुमान मिलेगा।
Adani Group Stocks में बिकवाली
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट आने के बाद से अदाणी ग्रुप के शेयरों में बिकवाली का दबाव दिख रहा है। अदाणी ग्रुप ने स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड से इनकार किया है। हालांकि ग्रुप की इस सफाई के बावजूद अदाणी ग्रुप के शेयरों में गिरावट नहीं थमी और 24 जनवरी से अब तक 14.2 हजार करोड़ डॉलर कम हो चुका है। सबसे अधिक गिरावट अदाणी ट्रांसमिशन, अदाणी टोटल गैस और अदाणी ग्रीन में रही। अदाणी ग्रुप के शेयरों में बिकवाली का असर पूरे स्टॉक मार्केट पर भी दिखा।
FII की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) इस साल की शुरुआत से ही भारतीय शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं। एफआईआई ने इस साल 337 करोड़ डॉलर के शेयरों की बिक्री की। हालांकि अब स्थिति पलटती दिख रही है क्योंकि पिछले हफ्ते विदेशी निवेशकों ने शेयरों की खरीदारी शुरू कर दी। कुछ एनालिस्ट्स का मानना है कि शेयरों के भाव में गिरावट के चलते विदेशी निवेशक इसे निवेश के लिए आकर्षक मान रहे हैं, जिसके चलते रुझान में बदलाव आया है।
दिसंबर तिमाही के नतीजे
चालू वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2022 में कंपनियों का मुनाफा मिला-जुला रहा। मांग में सुस्ती के चलते कॉरपोरेट की कमाई एनालिस्ट्स के अनुमान से कम रही। कमोडिटीज सेक्टर का हाल बुरा रहा लेकिन वित्तीय और ऑटो सेक्टर ने दिसंबर 2022 तिमाही में बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि एनालिस्ट्स आगे को लेकर काफी पॉजिटिव दिख रहे हैं। एनालिस्ट्स का मानना है कि रबी की अच्छी फसल और सीपीआई इनफ्लेशन में गिरावट से मांग में तेजी आ सकती है।