Daily Voice:मेरा मनाना है कि बाजार पर मौद्रिक नितियों में कड़ाई आने का डर बना हुआ है। जिसके चलते आगे आने वाले कुछ महीनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। लेकिन हम मई और जून में होने वाली फेड की पॉलिसी मीट के काफी नजदीक आ रहे हैं। इस बैठक के बाद यूएस फेड की टर्मिनल रेट और ब्याज दर पर उसके रुख को लेक स्पष्टता आएगी। उम्मीद है कि इसके बाद साल 2023 की दूसरी छमाही से भारत में विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश में तेजी आ सकती है। ये बातें टेलविंड फाइनेंशियल सर्विसेज (Tailwind Financial Services) के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर (joint Managing Director) विवेक गोयल ने मनीकंट्रोल से हुए एक बातचीत में कही हैं।
Daily Voice-बैकिंग और एनबीएफसी शेयर नजर आ रहे अच्छे, पावर शेयर भी कराएंगा अच्छी कमाई – Daily Voice-Good time to add allocation in banking-NBFCs and power stocks-Vivek Goel of Tailwind Financial
विवेक गोयल ने इस बातचीत में आगे कहा कि इस समय बैंकिंग और एनबीएफसी शेयर निवेश के नजरिए से अच्छे दिख रहे हैं। मार्केट सेंटीमेंट में सुधार के साथ ही आगे इस सेक्टर की री-रेटिंग होती दिख सकती है। इसके अलावा पावर सेक्टर की डिमांड में लगातार बढ़त देखने को मिल रही है। ऐसे में पवर सेक्टर के शेयर भी अच्छे दिख रहे हैं।
क्या इक्विटी बाजार की वर्तमान कमजोरी बाद आने वाले महीनों में आपको आईपीओ बाजार में मजबूती आने की उम्मीद है?
इस सवाल का जवाब देते हुए विवेक गोयल ने कहा कि हमारा मानना है कि बाजार महंगाई और मौद्रिक नीति पर महंगाई के प्रभाव को बारीकी से ट्रैक कर रहा है। इस समय बाजार की आम धारणा ये है कि साल 2023 की पहली छमाही में ब्याज दरों में बढ़त का दौर थम जाएगा। अगर ऐसा होता है तो भारतीय बाजारों में FII का फ्लो पॉजिटिव हो सकता है। ऐसा होने पर देश में प्राइमरी मार्केट की गतिविधियों तेजी आ सकती है। हालांकि प्राइमरी मार्केट में ये तेजी एकाएक न आकर धीरे-धीरे आएगी। बाजार और नीति निर्माताओं की नजर आगे महंगाई और ग्रोथ के आंकड़ों पर रहेगी। यही फैक्टर बाजार की दिशा तय करेंगे।
क्या अब हमको अदाणी समूह के शेयरों में निवेश शुरू करना चाहिए?
इस सवाल पर विवेक गोयल ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
क्या कुछ और हफ्तों तक इक्विटी बाजार की कमजोरी बनी रहेगी? बाकी बचे कैलेंडर वर्ष में बाजार के लिए क्या चुनौतियां हैं?
इस सवाल का जवाब देते हुए विवेक ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से घरेलू बाजार में कमजोरी देखने को मिल रही है। ये कमजोरी मार्च में भी जारी रह सकती है। अमेरिका में शुक्रवार को आए व्यक्तिगत उपभोग व्यय के नवीनतम आंकड़े उम्मीद से ज्यादा रहे हैं। इन आकंड़ों में ब्याज दरों की बढ़त जल्द थमने की उम्मीद पर पानी फेर दिया है। इसके चलते मार्च महीने में भी बाजार पर दबाव देखने को मिल सकता है। मौद्रिक नीति के अलावा जियोपोलिटिकल घटनाए और 2024 में होने वाले भारत और अमेरिकी चुनाव भी बाजार पर अपना असर दिखाएंगे।
क्या आप बैंकिंग क्षेत्र पर सुपर बुलिश हैं? क्या आप लंबे नजरिए से निवेश के लिए वर्तमान गिरावट का इस्तेमाल करने के पक्ष में हैं?
इसका जबाव देते हुए विवेक ने कहा कि हमारी नजरें फाइनेंशियल सेक्टर पर बनी हुई हैं। ये एक ऐसा सेक्टर है जिसका वैल्यूएशन अभी भी कोविड-पूर्व स्तरों से नीचे है। एसेट क्वालिटी के मजबूत होने और क्रेडिट ग्रोथ के बढ़ने की संभावना को देखते हुए इस समय बैंकिंग और एनबीएफसी में निवेश के अच्छे मौके दिख रहे हैं।
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