इंडसइंड बैंक (INDUSIND BANK) द्वारा सुमंत कथपालिया के दोबारा MD & CEO पद पर नियुक्ति को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंजूरी दे दी है। इससे कथपालिया अगले 2 साल तक बैंक के MD & CEO पद पर बने रहेंगे। सुमंत कथपालिया 2008 में इंडसइंड बैंक के साथ जुड़े थे। बोर्ड ने इनके 3 साल के कार्यकाल के लिए आरबीआई से मंजूरी मांगी थी। लेकिन इन्हें 2 साल के लिए मंजूरी मिली है। कथपालिया के फिर से MD & CEO बनने पर दिग्गज ब्रोकरेज फर्मों ने इस स्टॉक अपनी रेटिंग्स दी है। जेफरीज और सिटी ने इंडसइंड बैंक पर खरीदारी करने की सलाह दी है। जबकि मॉर्गन स्टैनली ने इस पर ओवरवेट रेटिंग दी है। वहीं जेपी मॉर्गन ने स्टॉक पर न्यूट्रल रवैया अपनाया है।
इंडसइंड बैंक के स्टॉक में 6% की गिरावट, जानें शेयर पर दिग्गज ब्रोकरेज फर्मों की राय – IndusInd Bank share fell by 6 percent know the opinion of leading brokerage firms on the stock
वहीं आज शुरुआती कारोबार में सुबह करीब 10.16 बजे बैंक का स्टॉक 6.04 प्रतिशत या 69.10 रुपये गिरकर 1075.70 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
BROKERAGES ON INDUSIND BANK
सिटी ने इंडसइंड बैंक पर खरीदारी की रेटिंग दी है। उन्होंने इसके शेयर का लक्ष्य 1,420 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उन्होंने कहा है कि RBI ने केवल 2 वर्षों के लिए MD और CEO पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दी है। जोखिम की धारणा को बदलने के लिए इस मोड़ पर रिएक्शन नहीं दिखायेंगे। उनका कहना है कि वित्त वर्ष 24/25 के दौरान 2% से ज्यादा आरओए और 17% से ज्यादा आरओई देने की दिशा में बैंक की प्रगति पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।
JPMorgan On IndusInd Bank
जेपी मॉर्गन ने इंडसइंड बैंक रेटिंग को डाउनग्रेड करके न्यूट्रल रेटिंग दी है। उन्होंने इसके शेयर का लक्ष् 1400 रुपये से घटाकर 1060 रुपये तय किया है। उनका कहना है कि सीईओ को 3 साल की बजाय आरबीआई द्वारा 2 साल का एक्सटेंशन देने से उन्होंने रेटिंग को डाउनग्रेड कर दिया है।
मॉर्गन स्टैनली ने स्टॉक पर ओवरवेट रेटिंग दी है। उन्होंने इसके शेयर का लक्ष्य 1,525 रुपये तय किया है। उनका कहना है कि सीईओ को कम एक्सटेंशन देने के पीछे की वजह का पता लगाना मुश्किल है।
Jefferies On IndusInd Bank
जेफरीज ने इंडसइंड बैंक पर खरीदारी की रेटिंग दी है। उन्होंने इसके शेयर का लक्ष्य 1,550 रुपये प्रति शेयर तय किया है। बोर्ड द्वारा सीईओ के कार्यकाल को 3 साल बढ़ाने के अनुमोदन के बावजूद RBI ने 2 साल के लिए ही मंजूरी दी है। यह आरबीआई द्वारा आंतरिक नियंत्रण, फंडिंग और अंडरराइटिंग को बेहतर किये जाने की इच्छा को दर्शाता है।
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