जब अमेरिका छींकता है, तो पूरी दुनिया को सर्दी-जुखाम हो जाता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला सोमवार 13 मार्च को, जब दुनिया शेयर बाजारों में एक अमेरिकी बैंक के डूबने के बाद तगड़ी गिरावट देखने को मिली। भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा और सेंसेक्स 897 अंक गिरकर 58,237.85 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 258.60 टूटकर 17,154 के स्तर पर बंद हुआ, जो इसका पिछले 5 सालों का सबसे निचला स्तर है। सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी आज लाल निशान में बंद हुआ। वहीं शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव से जुड़ा सेंटीमेंट बताने वाला वोलैटिलिटी इंडेक्स (India VIX) सोमवार को 21 फीसदी बढ़ गया। आइए जानते हैं कि आज बाजार में आज गिरावट के पीछे क्या मुख्य कारण रहे-
Stock Market Crash: शेयर बाजार क्यों हुआ क्रैश? सिलिकॉन वैली बैंक सहित इन 5 कारणों ने निवेशकों को रुलाया – Monday Mayhem Market Crash sinks to 5-month low here is the 5 reasons svb
सिलिकॉन वैली बैंक का डूबना
अमेरिका के प्रमुख बैंकों में से एक सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) विफलता ने सोमवार को निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर किया। यह बैंक अमेरिका में कई स्टार्ट-अप के लिए बैंकिंग पार्टनर रहा है। साल 2008 के ग्लोबल आर्थिक संकट के बाद से यह अबतक की सबसे बड़ी रिटेल बैंकिंग विफलता है। अमेरिकी रेगुलेटर्स ने हालांकि हस्तक्षेप करते हुए सभी जमाकर्ताओं को उनके पैसे वापस देने के भरोसे दिए हैं, लेकिन यह चिंताओं को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं था। इसके अलावा एक और बैंक- सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) का बंद भी होना भी झटका रहा।
सभी सेक्टर्स में गिरावट
सोमवार की बिकवाली से कोई सेक्टर नहीं बचा। फाइनेंशियल और ऑटो शेयरों में सबसे अधिक गिरावट रही। निफ्टी बैंक 2.27 प्रतिशत गिर गया, जबकि निफ्टी PSU बैंक 2.87 प्रतिशत और निफ्टी ऑटो 2.24 प्रतिशत गिर गया। निफ्टी बैंक इंडेक्स टूटकर 39,490.50 पर आ गया, जो फरवरी में अपने सबसे निचले स्तर के करीब बंद हुआ। यह गिरावट इस बात के बावजूद आई है कि अधिकतर एक्सपर्ट्स ने सिलिकॉन वैली बैंक के भारतीय बैंकिंग सेक्टर पर असर नहीं पड़ने की संभावना जताई है।
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वोलैटिलिटी इंडेक्स
इस इंडेक्स को अक्सर निवेशकों के बीच मौजूद भय की मात्रा मापने के उपाय के रूप में देखा जाता है। India VIX इंडेक्स सोमवार को 20 फीसदी उछल गया। यह साल 2023 में आई अब तक की सबसे अधिक बढ़ोतरी थी। इसमें 20 फीसदी की उछाल बताता है कि निवेशकों को निकट भविष्य में बाजार से सकारात्मक रिटर्न मिलने का भरोसा घटा है। India VIX में इससे पहले साल 2023 की बड़ी उछाल 27 जनवरी को आई थी, जब हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में तगड़ी उछाल आई थी।
ग्लोबल संकेत और वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स
डॉउ फ्यूचर्स (Dow futures) शुरुआती कारोबार में 300 अंक चढ़ गया था। लेकिन कारोबार के बढ़ने के साथ इसने अपनी बढ़त खो दी और दोपहर में लाल निशान में आ गया। अमेरिका में प्री-मार्केट ट्रेडिंग में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के शेयर 60 प्रतिशत से अधिक गिर गए। एशियाई बाजारों की बात करें तो जापान का टॉपिक्स 1.51 प्रतिशत गिरकर 2,000.99 पर बंद हुआ। निक्केई 225 1.11 प्रतिशत गिरकर 27,382.96 पर बंद हुआ। पैन-यूरोपियन स्टॉक्स 600 इंडेक्स 2.35 प्रतिशत गिर गया, जिसमें बैंकिंग शेयरों में 5.7 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई।
खुदरा महंगाई के आंकड़े
निवेशक कोई नई पोजिशन लेने से पहले खुदरा महंगाई के आंकड़े का इंतजार करते भी दिखे। जनवरी में खुदरा महंगाई की दर बढ़कर 6.52 फीसदी रही। एक्सपर्ट्स को फरवरी में इसमें मामूली गिरावट की उम्मीद है। मनीकंट्रोल की ओर से अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए एक पोल के मुताबिक, फरवरी में खुदरा महंगाकी दर 6.4 फीसदी रह सकती है। महंगाई दर के मजबूत बने रहने से आरबीआई को ब्याज दरों में अधिक बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है।
फेडरल रिजर्व से जुड़ी आशंका
सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के बाद, फेड ने एक नए बैंक टर्म फंडिंग प्रोग्राम (BFTP) के जरिए डिपॉजिटरी संस्थानों को अतिरिक्त फंडिंग उपलब्ध कराई है, जिससे बैंक के जमाकर्ताओं की सुरक्षा की जाएगी। नोमुरा (Nomura) के एनालिस्ट्स ने कहा, “”क्या इसका मतलब यह है कि अब फेड पुट है और शेयरों के लिए सबसे बुरा समय खत्म हो गया है? हमें नहीं लगता कि ऐसा है। अमेरिका में महंगाई का स्तर अभी भी ऊंचा बना हुआ है और फेड इसे नीचे लाने की कोशिश करेगा और अमेरिकी में मंदी की आशंका बनी हुई है।”