HAL Share Price: एयरोस्पेस एंड डिफेंस की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के शेयर आज मार्केट में तेजी से ऊपर चढ़ रहे हैं। हालांकि इसे आप 4 फीसदी डिस्काउंट पर भी खरीद सकते हैं, इसके ओएफस के जरिए। एचएएल के ऑफर फॉर सेल (OFS) को शानदार रिस्पांस के बाद अब सरकार ने इसका ग्रीन शू ऑप्शन रखने का फैसला किया है। ग्रीन शू ऑप्शन का मतलब है कि पहले से निर्धारित इश्यू साइज से अतिरिक्त शेयरों का विकल्प रखना। एचएएल का ओएफएस पहले दिन 4.5 गुना सब्सक्राइब हो गया तो वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को Green Shoe Option को हरी झंडी दिखा दी।
आज 4% डिस्काउंट पर HAL के शेयर खरीदने का मौका, सरकार ने बढ़ा दिया ऑफर साइज – Government to bump up HAL OFS with greenshoe option eyes Rupees 2800 crore hal share price jumps on ofs second day
इस विकल्प का इस्तेमाल करने के बाद अब सरकार हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के और शेयरों की बिक्री कर सकेगी। दीपम के सेक्रेटरी तुहिन कांता पांडेय ने ट्वीट कर कहा कि पहले दिन नॉन-रिटेल इनवेस्टर्स ने शानदार रुझान दिखाया तो ग्रीन शू ऑप्शन का प्रयोग करने का फैसला किया गया।
HAL OFS की डिटेल्स
सरकार ने बुधवार को अधिकतम 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि बेस साइज के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के ऑफर फॉर सेल के लिए सरकार ने अपनी 1.75 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री के तहत रखा था। इसके तहत 58.51 लाख शेयरों को पहले बिक्री के लिए रखा गया था। हालांकि अब ग्रीन शू ऑप्शन के फैसले के बाद इसके 58.5 लाख शेयर और उपलब्ध हो गए। इसका मतलब सरकार एचएएल के 1.17 लाख शेयरों की बिक्री करेगी। गुरुवार को सिर्फ नॉन-रिटेल इनवेस्टर्स के लिए ही यह इश्यू खुला था और अब आज खुदरा निवेशक भी इसमें पैसे लगा सकते हैं।
इस इश्यू के लिए फ्लोर प्राइस 2450 रुपये प्रति शेयर फिक्स किया गया है जो मौजूदा भाव से करीब 4 फीसदी डिस्काउंट पर हैं। HAL के शेयर अभी बीएसई पर 2.24 फीसदी की बढ़त के साथ 2553.30 रुपये के भाव में मिल रहे हैं। हालांकि ओएफएस के पहले दिन यह 4.87 फीसदी की गिरावट के साथ 2497.40 रुपये पर बंद हुए थे।
सरकार के विनिवेश लक्ष्य के मुताबिक है यह इश्यू
चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने बजट में 65000 करोड़ रुपये के विनिवेश रेवेन्यू का लक्ष्य रखा था जिसे बाद में संशोधित कर 50 हजार करोड़ रुपये कर दिया। अब तक सरकार ने अब तक सीपीएसई में विनिवेश और शेयर बायबैक से 31,106.64 करोड़ रुपये जुटाए हैं। अब एचएएल की बात करें तो इसमें सरकार की 75.15 फीसदी हिस्सेदारी है जो डिफेंस मिनिस्ट्री के तहत सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज (CPSE) है। इसके ओएफएस के जरिए सरकार 2800 करोड़ जुटा सकती है।