क्या फॉर्म 16 के बिना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया जा सकता है? अगर हां तो इसका प्रोसेस क्या है? – itr filing can a taxpayer file income tax return without form 16 if yes then what is procedure

नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो चुका है। इस फाइनेंशियल ईयर में आपको पिछले फाइनेंशियल ईयर का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना होगा। आम तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई होती है। अगर आप नौकरी करते हैं तो आईटीआर फाइल करने के लिए फॉर्म 16 (Form 16) सबसे जरूरी डॉक्युमेंट है। आप जिस कंपनी में नौकरी करते हैं, उसका फाइनेंस डिपार्टमेंट आपको फॉर्म 16 जारी करता है। कंपनी अपने हर एंप्लॉयीज को हर साल फॉर्म 16 जारी करती है। कंपनी के लिए 15 जून तक अपने सभी एंप्लॉयीज को फॉर्म 16 जारी कर देना जरूरी है। इसमें पिछले फाइनेंशियल ईयर में आपकी कुल इनकम, टैक्सेबल इनकम और काटे गए टैक्स (TDS) की जानकारी होती है। सवाल है कि अगर किसी वजह से आपके पास फॉर्म 16 नहीं है तो क्या आप ITR फाइल कर सकते हैं?

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि फॉर्म 16 नहीं होने पर भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया जा सकता है। लेकिन, यह थोड़ा मुश्किल है। इसमें आपको कई तरह के डॉक्युमेंट्स जुटाने पड़ते हैं, क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को आपकी इनकम का प्रूफ देना जरूरी है। आपकी सैलरी स्लिप इसमें आपकी मदद कर सकती है। इससे आपको अपनी कुल ग्रॉस इनकम और टैक्सेबल इनकम का पता चल जाता है। अगर आपकी इनकम का दूसरा कोई स्रोत नहीं है तो आपकी सैलरी इनकम आपकी इनकम की प्रूफ मानी जाएगी।

Form 26AS क्या है?

सैलरी स्लिप के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण डॉक्युमेंट Form 26AS होगा। इससे आपको पता चल जाएगा कि आपकी इनकम से कितना TDS या TCS काटा गया है। आपका एंप्लॉयर आपकी सैलरी और आपके इनवेस्टमेंट प्लान के हिसाब से आपके टैक्स का कैलकुलेशन करता है। फिर आपकी टैक्स लायिबिलिटी के हिसाब से वह टीडीएस काटता है। आम तौर पर एंप्लॉयर आपका कुल टैक्स एक बार नहीं काटकर हर महीने के हिसाब से काटता है। इससे किसी एंप्लॉयी पर एक बार में ज्यादा बोझ नहीं पड़ता है।

कहां मिलेगा फॉर्म 26एएस?

फॉर्म 26एएस डाउनलोड करने के लिए आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाना होगा। आपको पोर्टल पर अपने आईटी और पासवर्ड की मदद से लॉग-इन करना होगा। उसके बाद आपको माय अकाउंट मेनू पर जाना होगा। वहां आपको ‘व्यू फॉर्म 16एएस’ दिख जाएगा। इस लिंक पर क्लिक करने के बाद आपको टीडीएस-सीपीसी पोर्टल पर रिडायरेक्ट कर दिया जाएगा। वहां आप ‘व्यू टैक्स क्रेडिट’ पर क्लिक कर अपने फॉर्म 16एएस को देख सकते हैं या डाउनलोड कर सकते हैं।

टैक्स सेविंग्स प्रूफ की भी जरूरत पड़ेगी?

आपको अपने टैक्स सेविंग्स इनवेस्टमेंट के सभी प्रूफ भी तैयार रखने होंगे। इसमें इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी, 80डी के तहत किए जाने वाले सभी निवेश शामिल होंगे। इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत एक फाइनेंशियल ईयर में मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। सेक्शन 80सी के तहत PPF, होम लोन प्रिंसिपल, जीवन बीमा पॉलिसी, सुकन्या समृद्धि, बच्चों की ट्यूशन फीस सहित करीब एक दर्जन इनवेस्टमेंट और खर्च आते हैं।

सेक्शन 80डी के तहत मेडिक्लेम पॉलिसी के प्रिमियम के पेमेंट पर टैक्स डिडक्शन की इजाजत दी गई है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त आप इस डिडक्शन का भी फायदा उठा सकते हैं। अगर आपकी उम्र 60 से कम है तो आप खुद और अपने परिवार के लिए मेडिक्लेम पॉलिसी खरीद कर एक फाइनेंशियल ईयर में 25,000 रुपये के टैक्स डिडक्शन का दावा कर सकते हैं। अगर आपकी उम्र 60 से ज्यादा है तो आप 50 रुपये के प्रीमियम पेमेंट पर टैक्स डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं।

इसके अलावा आप अपने माता-पिता की हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर भी टैक्स डिडक्शन का दावा कर सकते हैं। माता-पिता की उम्र 60 साल या उससे ज्यादा होने पर सालाना 50 रुपये प्रीमियम पेमेंट पर डिडक्शन क्लेम करने की इजाजत है। अगर आपने होम लोन लिया है तो उसके इंटरेस्ट अमाउंट पर टैक्स डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं।

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