आईटी सेक्टर इस महीने सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले सेक्टर्स में से एक रहा है। लेकिन क्वांट मॉडल के नजरिए से आईटी का ये अंडरपरफॉर्मेंस मेरे लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है। नियर टर्म के नजरिए से देखें तो आईटी सेक्टर अच्छा नहीं लग रहा है। ये बातें इनक्रेड अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स के ऋषि कोहली ने मनीकंट्रोल के साथ हुई एक बातचीत में कही हैं। इक्विटी मार्केट का 21 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले ऋषि कोहली का कहना है कि क्वांट मॉडल के नजरिए से देखें तो इस महीने FMCG सेक्टर की रैंकिंग सुधरती दिखी है। नियर टर्म में FMCG शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है। उनका ये भी कहना है कि क्या ये सेक्टर सबसे ज्यादा बुलिश सेक्टर है ये इस महीने के अंत में ही पता चलेगा।
Daily Voice:FMCG शेयर शॉर्ट टर्म के नजरिए से अच्छे, टेक्नोलॉजी शेयरों अभी बना रहेगा दबाव – Daily Voice-FMCG stocks are good from short term perspective-technology stocks will remain under pressure
फार्मा सेक्टर आईटी की तुलना में बेहतर
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि फार्मा सेक्टर आईटी की तुलना में बेहतर दिख रहा है। एक लंबे गिरावट के बाद अब फार्मा में अच्छी रिकवरी दिख रही है। नियर टर्म में फार्मा शेयर अच्छा करते नजर आ सकते हैं। लेकिन अभी ये कहना जल्दबाजी होगी कि ये रिकवरी जल्द ही तेजी में बदलती दिखेगी।
वित्त वर्ष 2024 में इक्विटी मार्केट के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या होगी?
इस सवाल का जवाब देते हुए ऋषि कोहली ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 की तरह ही हमें वित्त वर्ष 2024 में भी बढ़ती महंगाई, जियोपोलिटिकल तनाव और कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ में अनिश्चितता जैसी समस्याओं की सामना करना पड़ेगा। ऐसा लगता है कि महंगाई अब अपने चरम पर पहुंच गई है, अब इसमें और बढ़त नहीं होगी। इसी तरह ब्याज दरें भी चरम पर पहुंच चुकी हैं। अब यहां से इनमें गिरावट आना कुछ समय की ही बात है। अगर यहां से महंगाई और ब्याज दरों में गिरावट आती है तो ये इक्विटी मार्केट के लिए अच्छा संकेत होगा।
हालांकि, ऊंची महंगाई के पिछले ऐतिहासिक चक्रों पर नजर डालें तो साफ होता है कि मुद्रास्फीति बहुत जटिल स्वभाव की होती और इसके शीर्ष का पता लगाना बहुत मुश्किल हो सकता है। इसलिए हमें अभी अनिश्चितता के बीच ही रहना होगा। इसके अलावा, ग्लोबल जियोपोलिटिकल स्थिति वर्तमान में कुछ क्षेत्रों में बहुत अस्थिर है और यह एक ऐसा वाइल्ड कार्ड है जो किसी भी तरह से स्विंग कर सकता है। इसलिए निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था और इक्विटी के लिए तमाम बड़ी चुनौतियां हैं जिनको हमें ध्यान में रखना चाहिए।
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