कंपनियों के लिए पैसा जुटाना सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कठिन हो गया है। यह तथ्य इस बात से भी साबित होता है कि साल 2023 की पहली तिमाही में भारत में सिर्फ 4 बड़ी कंपनियों का ही IPO आया है। इस बावजूद भारत बाकी देशों के मुकाबले इस लिस्ट में सबसे ऊपर है। EY ने एक रिपोर्ट में बताया कि साल 2023 की पहली तिमाही में 4 बड़ी कंपनियों के IPO ने कुल 10.7 करोड़ डॉलर जुटाए। जबकि साल 2022 के 3 बड़ी कंपनियों के IPO ने कुल 99.5 करोड़ डॉलर जुटाए थे। यह इस साल IPO के जरिए जुटाई गई रकम में 89 फीसदी गिरावट का संकेत देता है। हालांकि IPO की संख्या करीब 33 फीसदी है।
मार्च में सिर्फ 4 बड़ी कंपनियों के आए IPO, फिर भी पूरी दुनिया में भारत सबसे आगे: EY – India tops in highest number of ipo by large firms in 2023 march quarter ey
जनवरी से मार्च 2023 के दौरान सबसे बड़ा आईपीओ, डिवगी टॉर्कट्रांसफर सिस्टम्स का आया था, जिसने अपने इश्यू से करीब 5 करोड़ डॉलर जुटाया था।
वहीं दूसरी ओर छोटी कंपनियां या SME के IPO मार्केट में अधिक हलचल देखने को मिली। SME सेगमेंट ने 2023 की पहली तिमाही में 38 आईपीओ आए, जिससे कुल 8.2 करोड़ डॉलर जुटाएगा। इसके मुकाबले साल 2022 की पहली तिमाही में 31 आईपीओ आए थे, जिनके जरिए करीब 3.7 करोड़ डॉलर जुटाए गए थे।
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EY ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्राइवेट मार्केट में अभी भी मजबूत गतिविधियां देखने को मिल रही है। जनवरी महीने में पीई और वेंचर कैपिटल से आने वाली फंडिंग दिसंबर के मुकाबले 30 फीसदी अधिक रही। हालांकि जनवरी 2022 के मुकाबले यह 17 फीसदी कम रहा। रिपोर्ट में कहा हया है कि साल 2022 में बड़े फंडिंग राउंड की कमी देखी गई, जिसके 2023 में भी जारी रहने की उम्मीद है और निवेशक पैसा लगाने में चुनिंदा हो सकते हैं।
साल 2023 की पहली तिमाही में कुल 15 कंपनियों ने IPO लाने के लिए मार्केट रेगुलेटर के पास डॉक्यूमेंट जमा कराए। जबकि इसके मुकाबले साल 2022 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 10 कंपनियों का था। इसमें कंज्यूमर, फार्मास्यूटिकल्स, प्रौद्योगिकी और वित्तीय सेवाओं जैसे सेक्टर्स की कंपनियां शामिल हैं।