मार्केट में लगातर छह सत्रों में तेजी दिखी है। सवाल है कि मार्केट में इस तेजी की क्या वजह है? इसके जवाब में कई बातें कही जा रही हैं। पहला, अब तक आए नतीजों अच्छे रहे हैं। अनुमान था कि ये कमजोर रहेंगे। लेकिन, यह डर खत्म होता दिख रहा है। दूसरा, विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) अच्छी खरीदारी कर रहे हैं। तीसरा, इकोनॉमी की सेहत अच्छी दिख रही है। चौथा, ऐसा लगता है कि इंटरेस्ट रेट में वृद्धि की साइकिल पूरी हो गई है। अभी यह कहानी दिख रही है। लेकिन, Nifty के मौजूदा लेवल से 500 गिरते ही कहानी बदल सकती है।
शॉर्ट कॉल : Interglobe Aviation, ICICI Bank और hotel stocks ऊंची उड़ान भरने को तैयार – short call interglobe aviation icici bank and hotel stock are ready to fly high
GoFirst के इनसॉल्वेंसी के लिए अप्लिकेशन डालने के बाद Interglobe Aviation में तेजी की उम्मीद दिख रहा है। Indigo के ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस में इम्प्रूवमेंट देखने को मिला है। लेकिन, इसका असर शेयरों की कीमतों पर ज्यादा नहीं दिखा है। इसकी वजह इसके शेयरों की लगातार सप्लाई है। गंगवाल फैमिली कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेच रही है। यह एविएशन सेक्टर के लिए स्ट्रॉन्ग तिमाही है। ऑयल की कीमतों में स्थिरिता देखने को मिली है। GoFirst के प्रॉब्लम में फंस जाने से अचानक हर लेवल के एंप्लॉयीज की उपलब्धता बढ़ जाएगी।
एविएशन एनालिस्ट Ameya Joshi ने लिखा है कि एविएशन सेक्टर पिछले कुछ समय से एंप्लॉयीज की कमी का सामना कर रहा है। इनमें पायलट, केबिन क्रू, इंजीनियर्स, प्लानिंग एंड रेवेन्यू मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स शामिल हैं। गोफर्स्ट की खबर के बाद यह तय है कि अब इंडिगो को अच्छे एंप्लॉयीज की भर्ती के लिए ज्यादा कीमत नहीं चुकानी पड़ेगी।
किस बैंक का कितना लोन बकाया?
ब्रोकिंग फर्म Jefferies का कहना है कि GoFirst पर बैंकों का करीब 2,000-2,500 करोड़ रुपये का लोन बकाया है। यह जानकारी कंपनी की रेगुलेटरी फाइलिंग पर आधारित है। जेफरीज ने कहा है कि गोफर्स्ट पर ICICI Bank का करीब 350-400 करोड़ और सेंट्रल बैंक का 700 करोड़ रुपये का लोन बकाया है।
हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री में Lemon Tree Hotels के बॉस की कमेंट्री पर ध्यान देने की जरूरत है। पतंजलि केसवानी ने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया है कि उन्हें अगले 5-10 साल में होटल के कमरों के किराए की ग्रोथ 15 फीसदी कंपाउंडेड रहने की उम्मीद है। 2026 तक ग्रॉस ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 55-60 फीसदी तक पहुंच जाने का अनुमान है। कुछ ही दिन पहले Indian Hotels के बॉस पुनीत चटवाल ने कहा था कि उनकी कंपनी के लिए सबसे अच्छा वक्त अभी आना बाकी है। उन्होंने 33 फीसदी ऑपरेटिंग मार्जिन के आगे भी जारी रहने की उम्मीद जताई थी।
होटल इंडस्ट्री के अच्छे दिन लौट रहे
छोटे-बड़े हर तरह के होटलों के लिए अच्छे दिन लौटते दिख रहे हैं। मार्च तिमाही के नतीजों और आगे के लिए अनुमान से यह संकेत मिलता है। Orient Hotels के रेवेन्यू में करीब 70 फीसदी और ऑपरेटिंग मार्जिन में 63 फीसदी उछाल देखने को मिला है। इससे पहले 2007-08 में होटल इंडस्ट्री में इतना उत्साह देखने को मिला था। हालांकि, उसके बाद होटल शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी। होटल इंडस्ट्री में इस तरह का पैटर्न सामान्य बात है। इसकी वजह यह है कि रूम रेट्स बढ़ने और मजबूत डिमांड की वजह से होटल कंपनियां क्षमता विस्तार शुरू कर देती हैं। यही वजह है कि इस बार इनवेस्टर्स होटल शेयरों को लेकर सावधानी बरत रहे हैं। वे शेयरों को खरीदने से पहले कैपेसिटी एडिशन का इंतजार करना चाहते हैं।
Bank Nifty का मिनिमम लाइट साइज घटा
Bank Nifty में मिनिमम लॉट साइज 25 से घटकर 15 हो गया है, जो NSE और ब्रोकर्स के लिए अच्छी खबर है। लेकिन, छोटे निवेशकों के लिए यह उतनी अच्छी खबर नहीं है। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्में प्रति लॉट के हिसाब से ब्रोकरेज फीस लेती हैं। लॉट साइज में कमी का मतलब यह नहीं है कि वे ब्रोकरेज फीस में कमी करेंगे। जो ब्रोकरेज फर्म अपने कमीशन रेट्स मेंटेन कर सकते हैं, उनके लिए बैंक निफ्टी से रेवेन्यू में करीब 60 फीसदी वृद्धि का मौका बन सकता है। हाई वॉल्यूम ट्रेडर्स बेहतर डील की मांग करने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। बताया जाता है कि कुछ ब्रोकिंग फर्में उनकी मांग पूरी भी कर रहे हैं।