Rana Kapoor: यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को झटका, बॉम्बे HC ने जमानत देने से किया इनकार – DHFL money laundering case HC denies bail to Yes Bank founder Rana Kapoor says charge against him serious

यस बैंक (Yes Bank) के फाउंडर और पूर्व चेयरमैन राणा कपूर (Rana Kapoor) को बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा है। हाई कोर्ट ने डीएचएफएल मनी लॉन्ड्रिंग (DHFL Money Laundering) मामले में गुरुवार को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में मुख्य आरोपियों में से एक हैं और उन पर सार्वजनिक पैसों के हेरफेर के ‘गंभीर आरोप’ हैं। जस्टिस पीडी नाइक की एकल बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कपूर ने अपने, अपने परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के लिए गलत तरीके से वित्तीय लाभ दिलाने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया।

उन्होंने कहा, ‘वह (कपूर) रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार और मनी-लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में शामिल हैं। इस केस में अपराध से हासिल की गई आय 5,333 करोड़ रुपये तक जाती है। आवेदक पर यह आरोप लगाया है कि उसने अपने परिवार के स्वामित्व वाली या नियंत्रण वाली कंपनियों के जरिए देश से बड़ी मात्रा में आपराधिक आय को बाहर भेजा।”

बेंच ने आगे कहा कि करीब 378 करोड़ रुपये विदेशों में निवेश किए गए और इस मामले में जांच अभी जारी है। बेंच ने कहा कि वह इस मामले में कपूर की भूमिका, अपराध की गंभीरता और गंभीरता को नजरअंदाज नहीं कर सकती।

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हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “आवेदक के खिलाफ आरोप यह है कि यह सार्वजनिक पैसों के हेरफेर में शामिल है। उन्होंने कथित तौर पर DHFL के मालिकों के साथ मिलकर बड़ी राशि की हेराफेरी की साजिश रची है। हालांकि आवेदक 3 साल से हिरासत में है, लेकिन सार्वजनिक पैसों की भागीदारी से पता चलता है कि ये आरोप गंभीर है।” कोर्ट ने कहा कि इसके अलावा आवेदक के बाहर आने पर सबूतों से छेड़छाड़ की भी आशंका है।

कपूर ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह मार्च 2020 से हिरासत में हैं और मामले में सुनवाई शुरू होने में लंबा समय लगेगा और उनकी अब हिरासत की आवश्यकता नहीं है।

क्या है मामला?

यस बैंक ने कथित तौर पर 2018 में डीएचएफएल के शॉर्ट-टर्म डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके अलावा DHFL की एक सहायक कंपनी को 750 करोड़ रुपये का लोन देना भी मंजूर किया गया।

आरोप है कि कपूर ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को लोन देने के बदले में कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। यह कंपनी कपूर की पत्नी और बेटियों के स्वामित्व वाली कंपनी RAB एंटरप्राइजेज के पूर्ण स्वामित्व में है।

उनकी पहली जमानत याचिका फरवरी 2021 में हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी। कपूर ने इस आधार पर दूसरी जमानत याचिका दायर की कि प्रिवेंशन ऑफ मनी-लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अधिकतम सजा सात साल है और कपूर तीन साल से हिरासत में हैं।

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