PPF Death Claim: अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए ज्यादातर नौकरीपेशा नौकरी के दौरान ही निवेश करना शुरू कर देते हैं। ताकि, उम्र होने या बुढ़ापे के समय उस पैसे का इस्तेमाल वेतन की तरह रेगलर खर्च को पूरा करने के लिए इस्तेमाल कर सकें। भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए निवेश के लिए PPF एक बड़ी योजना है। लेकिन क्या आपको पता है कि पीपीएफ के खाताधारक की मृत्यु के बाद उस पैसे का क्या होता है? पीपीएफ अकाउंट का नॉमिनी कैसे वो पैसे वापिस पा सकता है।
PPF Death Claim: पीपीएफ की मैच्योरिटी से पहले हो गई है अकाउंट होल्डर की मृत्यु, नॉमिनी ऐसे कर सकते हैं क्लेम – PPF Death Claim by nominee how to claim money after the death of the ppf account holder public provident fund
नॉमिनी को पैसे पाने के लिए करना होगा ये काम
अगर किसी पीपीएफ खाताधारक मृत्यु मैच्योरिटी से पहले हो जाती है तो ऐसे में नॉमिनी अकाउंट से पैसा निकाल सकता है। उस पैसे को क्लेम कर सकता है। डेथ क्लेम के मामले में आपको पीपीएफ खाते का मैच्योर होने का इंतजार नहीं करना होगा। यानी, आपको 15 साल पूरा होने का इंतजार नहीं करना है। अगर क्लेम 5 लाख रुपये से कम का है तो नॉमिनी को सिर्फ डेथ क्लेम फॉर्म भरकर और डेथ सर्टिफिकेट दिखाकर क्लेम लेना हाेगा। अगर क्लेम का पैसा 5 लाख रुपये से अधिक का है तो डेथ सर्टिफिकेट के साथ कानूनी प्रूफ भी देना होगा। इसमें आपको कोर्ट से सक्सेशन सर्टिफिकेट आदि देना पड़ेगा।
15 साल के लिए होता है PPF में निवेश
पीपीएफ में किसी भी योजना की मैच्योरिटी का समय 15 साल होता है। पीपीएफ खाता मैच्योरिटी से पहले भी बंद किया जा सकता है। पीपीएफ खाते में सरकार कंपाउंडिंग के आधार 7.10 फीसदी ब्याज दर दे रही है। पीपीएफ खाते पर 3 साल बाद लोन लिया जा सकता है।
पीपीएफ पर मिलता है चक्रवृद्धि ब्याज
पीपीएफ पर ब्याज दरें सरकार तय करती है। ये ब्याज तिमाही आधार पर मिलता है। अभी इस पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। ये ब्याज चक्रवृद्धि ब्याज होता है।
PPF से कब निकाल सकते हैं पैसा
PPF खाताधारक स्वास्थ्य और एजुकेशन जैसी इमरजेंसी के समय में पीपीएफ से पैसा निकाल सकते हैं। अगर खाताधारक NRI है, तो पीपीएफ खाता खुलने की तारीख से कम से कम 5 साल पूरे होने के बाद बंद किया जा सकता है। हालांकि, तब 1 फीसदी ब्याज काटा जाता है।