सपाट खुलने के बाद बेंचमार्क इंडेक्स 30 मई को एक दायरे में कारोबार करते दिख रहे हैं। अब तक के उच्चतम स्तर के करीब पहुंचने के बाद आज निफ्टी में कुछ सुस्ती आई है। ट्रेडर्स का कहना है कि जोरदार तेजी के बाद निफ्टी में इस ठहराव की पहले से ही उम्मीद लगाई गई थी। दलाल स्ट्रीट के जानकारों का कहना है कि मार्केट की नजरें अभी भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रिपब्लिकन केविन मैकार्थी के बीच 31.4 ट्रिलियन डॉलर की डेट लिमिट बढ़ाने के लिए होने वाले समझौते के इर्द-गिर्द घूम रही हैं।
F&O Manual: बाजार में छाई सुस्ती, 18500 पर नजर आ रहा मजबूत सपोर्ट – F&O Manual-sluggishness in the market-strong support seen at 18500
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय इक्विटीज में खरीदारी जारी रखी है जिससे भारतीय बाजार किसी बड़े झटके से बचे रहे हैं। भारत के बारे में दिग्गज विदेशी एनलिस्टों की टिप्पणियां भी बुलिश हैं।
ट्रेडर्स ने 18000 फिर उसके बाद 18700 पर स्ट्रैडल ट्रेड लिया
निफ्टी 50 इंडेक्स 02.00 बजे को आसपास 18.90 अंक यानी 0.1 फीसदी बढ़कर 18615 के आसपास दिख रहा है। वहीं, बैंक निफ्टी पूरी तरह सपाट चाल के साथ 44311.75 के स्तर पर दिख रहा है। बैंकिंग शेयरों में आज कुछ मुनाफा वसूली देखने को मिली है। वीकली ऑप्शन आंकड़ों से पता चलता है कि ट्रेडर्स ने 18000 फिर उसके बाद 18700 पर स्ट्रैडल ट्रेड लिया है। मंथली ऑप्शन पर 18500 इंडेक्स के लिए बेस और मजबूत सपोर्ट है।
बैंक निफ्टी हो सकता है एक बड़ा आउटपरफॉर्मर
तकनीकी रूप से देखें तो सभी तेजड़ियों की निगाहें अब निफ्टी के ऑलटाइम हाई लेवल 18888 पर लगी हुई हैं। जानकारों का मानना है कि बैंक निफ्टी एक बड़ा आउटपरफॉर्मर हो सकता है। अब इसका अगला लक्ष्य 45000 का मनोवैज्ञानिक स्तर है।
अगल-अलग स्टॉक्स पर नजर डालें तो ट्रेडर्स की तरफ से अरबिंदो फार्मा में भारी लॉन्ग बिल्ड-अप देखने को मिला है। इसके बाद आरबीएल बैंक और इंडिया सीमेंट में भी खूब लान्ग पोजीशन बनी है। सीमेंट बनाने वाली कंपनी जेके सीमेंट और श्री सीमेंट में भी लॉन्ग बिल्ड-अप देखने को मिला है। लॉन्ग बिल्ड-अप तब होता है जब शेयर की कीमत और ओपन इंटरेस्ट एक साथ बढ़ते हैं। ये एक पॉजिटिव संकेत है।
इस बीच आज वेदांता ने शुरुआती तेजी खो दी और इसमें भारी शॉर्ट बिल्ड-अप देखने को मिला। इंफो एज, चंबल फर्टिलाइजर्स और नाल्को में भी ट्रेडर्स ने शॉर्ट पोजीशन ली है। शॉर्ट बिल्ड-अप तब होता है जब ओपन इंटरेस्ट बढ़ता है लेकिन स्टॉक की कीमत में गिरावट आती है। यह शेयरों में गिरावट का संकेत है