Anaj Bank: बैंक का नाम सुनते ही आपके दिमाग में यही आएगा कि यहां पैसे जमा कर सकते हैं या निकाल सकते हैं। यानी पैसों का लेनदेन कर सकते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे बैंक के बारे में बता रहे हैं। जहां पैसों की जगह अनाज का लेन देन किया जाता है। शायद इसीलिए इसे “अनाज बैंक” कहा गया है। इस बैंक से अनाज उधार लिया जा सकता है और यहां अनाज जमा भी कराया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में यह अनाज बैंक सुर्खियां बटोर रहा है। यह बैंक गरीबों के लिए अनाज की पोटली है। जहां गरीबों की मदद हो रही है।
महिलाओं का अनोखा बैंक, जहां कर्ज के नाम पर पैसों की जगह मिलता है अनाज – Anaj Bank Uttar Pradesh Kanpur women running bank promoting organic farming help poor families
कानपुर की कई महिलाओं ने मिलकर अनाज बैंक खोला है। 100 से ज्यादा अनाज बैंक कई संस्थाओं की ओर से चलाए जा रहे हैं। इन निजी बैंकों का गठन गांव और मोहल्ले की महिलाओं ने किया है। इस अनाज बैंक के जरिए कई गरीबों की मदद भी की जा रही है।
कैसे चलता है अनाज बैंक?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनाज बैंक को चलाने के लिए घर की महिलाएं अपने-अपने घरों से अनाज दान करती हैं। अनाज का कुछ बड़ा हिस्सा किसी संस्था से दान में भी मिल जाता है। शुरुआती दौर में अनाज बैंक की महिलाएं ही अपने घर से अनाज दान कर रही थीं। इस बैंक को महिलाएं ही चला रही हैं। जिन्हें भी अनाज की जरूरत होती है। कर्ज के तौर पर उन्हें अनाज दिया जाता है। जब फसल घर आ जाती है तो कर्ज लेने वालों को यह अनाज चुकाना होता है। इसमें ब्याज सहित अनाज वापस करना होता है। मौजूदा समय में इस अनाज बैंक को कई संस्थाओं से सहयोग मिल रहा है।
गरीबों का मसीहा अनाज बैंक
फिलहाल इस अनाज बैंक से गरीबों को काफी फायदा हो रहा है। उन्हें शादी के लिए अनाज भी कर्ज के तौर पर मिल रहा है। इमरजेंसी की हालत में अनाज बैंक की ओर से आर्थिक सहायता भी मुहैया कराई जाती है। अनाज बैंक की ओर से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। किसानों को अनाज बैंक की ओर से बीज दिया जा रहा है। फसल तैयार होने के बाद किसानों को बीज वापस करना होता है।
प्रयागराज
ऐसे ही प्रयागराज में भी अनाज बैंक चल रहे हैं। जिले में अनाज बैंक की 70 शाखाएं हैं। इस बैंक के करीब 2000 से ज्यादा परिवार सदस्य हैं। नियमानुसार कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा 5 किलोग्राम चावल और एक किलोग्राम दाल उधार ले सकता है, लेकिन 15 दिन में उधार चुकता करना होता है। वह चाहे तो कर्ज से ज्यादा भी अनाज दे सकता है। समय पर न लौटा पाने पर बैंक उसे कुछ मोहलत देती है। अगर किसी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो जाती है तो अन्य लोग सहयोग कर उसका कर्ज भरते हैं।