इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है। जिन लोगों की सालाना इनकम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग पोर्टल पर फॉर्म्स इनेबल कर दिए हैं। नियमों में संशोधन के बाद ऐसे इंडविजुअल जिनके खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सर्च और सीजर ऑपरेशंस किए हैं, वे रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं। उन्हें आईटीआर-1 में अपनी अनडिसक्लोज्ड वेल्थ के सेल्फ एसेसमेंट के आधार पर सेक्शन 153सी के तहत रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करना होगा।
इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइलिंग के लिए कौन कर सकता है सहज फॉर्म का इस्तेमाल? – itr filing who can use itr form 1 to file income tax return for fy23
स्वेच्छा से की जा सकती है रिटर्न फाइलिंग
CBDT ने फरवरी में सेक्शन 139 (1) के तहत डिसक्लोजर को ध्यान में रख ITR-1 में कुछ बदलाव किए थे। इससे ऐसा व्यक्ति जिसकी सालाना इनकम 2.5 लाख रुपये से कम है, वह स्वेच्छा से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकता है। ऐसे व्यक्ति का फिक्स्ड डिपॉजिट अगर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाता है तो भी उसे इसके बारे में आईटीआर फॉर्म में बताने की जरूरत नहीं है।
ITR के इस्तेमैाल की शर्तें
ITR-1 का इस्तेमाल ऐसा व्यक्ति कर सकता है, जिसकी इनकम 50 लाख रुपये तक है और जिसे सैलरी, वन हाउस प्रॉपर्टी और इंटरेस्ट आदि के रूप में दूसरे स्रोत से इनकम होती है। ITR-4 का इस्तेमाल इंडिविजुअल, एचयूएफ और ऐसे फर्म कर सकते हैं, जिनकी कुल इनकम 50 लाख रुपेय तक है और उन्हें बिजनेस और प्रोफेशन से इनकम होती है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, ITR-1 का इस्तेमाल ऐसे रेजिडेंट इंडिविजुअल कर सकते हैं, जिनकी कुल इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है। दूसरा, उन्हें सैलरी, वन हाउस प्रॉपर्टी, फैमिली पेंशन इनकम, एग्रीकल्चर से सालाना 5000 रुपये और दूसरे स्रोत से इनकम होती है। यह भी ध्यान रखना होगा कि अगर सेविंग्स अकाउंट, बैंक डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस या कोऑपरेटिव डिपॉजिट से इनकम होती है तो उसके बारे में भी बताना होगा।
कौन नहीं कर सकता ITR-1 का इस्तेमाल
रेसिडेंट नॉट ऑर्डिनरिली रेजिडेंट (RNOR), NRI की इनकम अगर 50 लाख रुपये से ज्यादा है तो वह ITR-1 का इस्तेमाल नहीं कर सकता। अगर एग्रीकल्चर इनकम सालाना 5 हजार रुपये से ज्यादा है तो भी व्यक्ति आईटीआर-1 का इस्तेमाल नहीं कर सकता। लॉटरी, गेमिंग आदि से इनकम होने पर भी आईटीआर -1 का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के दायरे में आने पर भी आईटीआर 1 का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। कंपनी का डायरेक्टर इस फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकता।