Zerodha की एसेट मैनेजमेंट कंपनी को 4-8 हफ्तों में मिल जाएगी SEBI की मंजूरी, सीईओ Nithin Kamath ने बताया जिरोधा का प्लान

Zerodha को अपनी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के लिए SEBI का एप्रूवल अगले चार से आठ हफ्तों में मिल जाने की उम्मीद है। जिरोधा के फाउंडर और सीईओ नितिन कामत ने यह जानकारी दी। जिरोधा की यह एएमसी यह इंडिया की पहली पैसिव-ओनली एसेट मैनेजमेंट कंपनी होगी। Zerodha एक स्टॉक ब्रोकरेज फर्म है, जो इनवेस्टर्स को कम कॉस्ट में ट्रेडिंग की सुविधा देती है। मनीकंट्रोल स्टार्टअप कॉनक्लेव के उद्घाटन के दौरान कामत ने कहा कि उन्हें मार्केट रेगुलेटर का एप्रूवल मिलने के तीन महीने में फंड्स लॉन्च हो जाने की उम्मीद है। जिरोधा को सितंबर 2021 में म्यूचुअल फंड्स लॉन्च करने के लिए सेबी की इन-प्रिंसिपल मंजूरी मिल गई थी। उसे मार्केट रेगुलेटर की फाइनल मंजूरी मिलनी बाकी है।

स्मॉलकेस के साथ समझौता

सेबी से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद जिरोधा ने म्यूचुअल फंड्स के मार्केट में उतरने के लिए वेल्थ मैनेजमेंट फर्म स्मॉलकेस के साथ एक ज्वाइंट वेंचर बनाया था। Smallcase की शुरुआत वसंत कामत ने की थी। यह सेबी में रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट प्रोफेशनल्स की तरफ से डिजाइन किए गए स्टॉक/एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड का मॉडल पोर्टफोलियो ऑफर करती है। यह किसी थीम, सेक्टर या स्ट्रेटेजी पर आधारित होते हैं।

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जिरोधा पर नहीं पड़ेगा टीईआर में बदलाव का असर

Zerodha ऐसे वक्त फंड हाउस लॉन्च करने जा रही है, जब SEBI टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) को तर्कसंगत बनाने जा रही है। यह वह खर्च है, जिसे म्यूचुअल फंड हाउस स्कीम के प्रबंधन के लिए इनवेस्टर्स से वसूलते हैं। यह पूछने पर कि क्या TER में बदलाव का असल जिरोधा के प्लान पर पड़ेगा, कामत ने कहा कि पैसिव फंडों का टीईआर एक्टिव फंड्स के मुकाबले काफी कम होता है। इसलिए इसका असर हमारे बिजनेस पर नहीं पड़ेगा।

पैसिव फंड का मतलब क्या है?

पैसिव फंड्स की खासियत यह है कि उनकी मैनेजमेंट कॉस्ट कम होती है। ये इनवेस्टमेंट के लिए अपने बेंचमार्क इंडेक्स को ट्रैक करते हैं। कामत ने एक बार स्पष्ट किया कि उनकी कंपनी एक्टिव फंड्स लॉन्च नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “ज्यादातर एएमसी एक्टिव और पैसिव दोनों ही कैटेगरी में मौजूद हैं। लेकिन, पैसिव दूसरे नंबर पर आता है। हमारे लिए पैसिव-ओनली होने का मौका है। इससे फंड में निवेश करना भी आसान हो जाता है। हमारा प्लान रिटायरमेंट के लिए फंड पेश करना है। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर लोग अपने मुश्किल दिनों या रिटायरमेंट के बाद के लिए निवेश करना चाहते हैं। हम अपने फंड्स के लिए जरिए लोगों को लंबी अवधि के निवेश की सुविधा देंगे।”

पैसिव फंड में सबकी दिलचस्पी नहीं

हालांकि, सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां पैसिव-ओनली फंड को लेकर उत्साहित नहीं हैं। हाल में बजाज फिनसर्व ने दो डेट फंड्स के साथ म्यूचुअल फंड मार्केट में एंट्री ली है। इनमें से एक लिक्विड फंड है और दूसरा ओवरनाइट फंड है। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक Bajaj Finserve ने हर तरह के फंड लॉन्च करने की योजना बनाई है। इसमें फिक्स्ड इनकम, हाइब्रिड और इक्विटी जैसी कैटेगरी शामिल होंगे।

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