NSE के शेयरों में बढ़ रही इनवेस्टर्स की दिलचस्पी, जून में स्टॉक का औसत प्राइस 3000 रुपये पहुंचा

जून में NSE के करीब 56.3 लाख शेयरों के सौदे हुए। ये सौदे प्रति शेयर 3,019.41 रुपये की औसत कीमत पर हुए। हालांकि, जून में ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आई, लेकिन पांच महीनों के बाद औसत कीमत 3,000 रुपये से ऊपर बना रहा। जून में विदेशी निवेशकों ने एनएसई के शुद्ध रूप से 22.30 लाख शेयर बेचे, जबकि घरेलू निवेशकों ने करीब 28.61 लाख शेयर खरीदे। नॉन-रेजिडेंट इंडियन (NRI) इनवेस्टर्स ने करीब 6.31 लाख शेयर बेचे। यह एक महीना पहले देखे गए ट्रेंड की तरह है। तब विदेशी निवेशकों और NRI ने शुद्ध रूप से बिकवाली की थी, जबकि घरेलू निवेशकों ने खरीदारी की थी।

जून में शेयर का प्राइस 3800 रुपये पहुंचा

जून में सबसे ज्यादा प्राइस 3,800 रुपये था, जबकि सबसे कम 312 रुपये था। मई में सबसे ज्यादा प्राइस 3,800 रुपये था, जबकि सबसे कम प्राइस 1,755 रुपये था। ब्रोकर्स का कहना है कि ऐसा लगता है कि ट्रांजेक्शन टैक्स से बचने के लिए किया गया होगा।

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IPO की उम्मीद में बढ़े थे शेयर के प्राइस

2019 और 2021 के बीच अनलिस्टेड मार्केट में एनएसई के शेयर का प्राइस चढ़कर 3,500-3,600 रुपये पहुंच गया था। एक्सचेंज का मुनाफा बढ़ने और IPO की उम्मीद के चलते ऐसा हुआ था। बीते एक साल में औसत कीमत 3,000 रुपये पर आ गई है। NSE के शेयरों में डीलिंग से जुड़े ब्रोकर्स ने बताया कि डील और शेयरों के ट्रांसफर के बीच चार से पांच महीने का अंतर होता है। इसकी वजह यह है कि डील को पहले बोर्ड का एप्रूवल मिलता है, उसके बाद ही शेयरों का ट्रांसफर होता है।

F&O ट्रेडिंग में एनएसई की बादशाहत

एनएसई के शेयरों की अच्छी मांग को लेकर आश्चर्य नहीं है। एफएंडओ कॉन्ट्रैक्ट की ट्रेडिंग के लिहाज से NSE पिछले तीन साल से दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज रहा है। इंडिया में F&O इसकी मोनोपॉली है। कैश मार्केट में भी इस एक्सचेंज का मार्केट शेयर लगातार बढ़ रहा है। FY13 में यह 83 फीसदी था, जो FY23 में बढ़कर 93 फीसदी हो गया। इसका ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन करीब 70 फीसदी है।

एनएसई का डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म दुनिया में नंबर वन

एनएसई का डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म दुनिया में नंबर वन है। पिछले पांच साल में एनएसई के शेयर रखने वाले अमीर निवेशकों की संख्या काफी बढ़ी है। FY21 के अंत में मुश्किल से 650 लोगों के पास एनएसई के शेयर थे। अब यह संख्या बढ़कर 4,300 हो गई है। इसके शेयरधारकों में DMart के फाउंडर राधाकिशन दमानी सहित कई कंपनियों के बॉस हैं। कई प्रतिष्ठित स्टॉक मार्केट इनवेस्टर्स के पास भी एनएसई के शेयर हैं।

प्रॉफिट में अच्छी ग्रोथ

NSE को FY23 में 7,356 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ। यह एक साल पहले के प्रॉफिट के मुकाबले 42 फीसदी ज्यादा है। FY23 में ऑपरेशन से इनकम 11,856 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले यह आंकड़ा 8,313 करोड़ रुपये था। इसके अलावा एक्सचेंज का टोटल कंसॉलिडेटेड नेट रेवेन्यू 12,765 करोड़ रुपये रहा। यह 44 फीसदी की सालाना ग्रोथ है। एक्सचेंज में प्रति शेयर 80 रुपये डिविडेंड का भी ऐलान किया है।

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