Sahara Refund: सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में फंसे करोड़ों डिपॉजिटर्स को राहत देने के लिए केंद्र ने हाल ही में रिफंड प्रक्रिया शुरू की है। सरकार ने यह कदम 29 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया। सहारा सहकारी समितियों में निवेश कर चुके डिपॉजिटर्स को ‘सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट’ (Sahara Sebi Refund Account) से सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (CRCS) को 5,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया था। सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के डिपॉजिटर्स को अभी रिफंड मिल रहा है।
सहारा की स्कीमों में लोगों का फंसा है 1.12 लाख करोड़, सहारा पैरा बैंकिंग, सहारा रियल एस्टेट, सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट के निवेशकों को कब मिलेगा पैसा?
फंसा हुआ है सहारा की स्कीमों में पैसा
सहारा की ऊपर बताई 4 समितियों में केवल सीमित संख्या में निवेशक शामिल हैं जिनका पैसा सहारा की स्कीमों में फंसा हुआ है। इन चार स्कीमों के अलावा भी सहारा की कई ऐसी स्कीम जिसमें लोगों का पैसा फंसा हुआ है। वह अपना फंसा पैसा सहारा से वापिस लेने के लिए बड़ी ही उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।
सहारा इकाइयों में 13 करोड़ निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये हैं फंसे
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले साल अगस्त में संसद को बताया था कि सहारा इंडिया ग्रुप की कई कंपनियों में लगभग 13 करोड़ निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक फंड फंसे हुए हैं। केंद्र सहारा ग्रुप की सहकारी समिति के जमाकर्ताओं के लिए रिफंड पोर्टल शुरू करने के साथ, अन्य निवेशक यह जानने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें अपना पैसा कब वापस मिलेगा।
सरकार ने दिया ये जवाब
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सहारा इंडियन रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) में 2.33 करोड़ निवेशकों के 19,400.87 करोड़ रुपये और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) में 75 लाख निवेशकों के 6,380.50 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं।
सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में 4 करोड़ निवेशकों के 47,245 करोड़ रुपये है फंसे
मंत्री ने बताया कि हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में 1.8 करोड़ जमाकर्ताओं के 12,958 करोड़ रुपये, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी में 3.71 करोड़ निवेशकों के 18,000 करोड़ रुपये और स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी में 8,470 करोड़ रुपये (37 लाख रुपये) फंसे हुए हैं।
ये भी हैं मुद्दे
सहारा ग्रुप के जनता से लिए पैसों के तीन मुख्य मुद्दे हैं। पहला मामला सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIFCL) का है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रेगुलेट की जाने वाली एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है। आरबीआई ने 2015 में ही इसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया था। आरबीआई ने 2008 में कंपनी को अपने चिट-फंड ऑपरेशन के तहत लोगों से कोई भी जमा लेने यानी पैसा लेने से रोक दिया था। SHICL को जमा पैसा अभी चुकाना है।