SBFC Finance का आईपीओ 3 अगस्त को खुल गया है। कंपनी इस इश्यू के तहत 600 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी। इसके अलावा ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत 425 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जाएंगे। इस तरह यह इश्यू 1,025 करोड़ रुपये का है। कंपनी आईपीओ से हासिल पैसे का इस्तेमाल अपना पूंजी आधार बढ़ाने और बिजनेस बढ़ाने के लिए करेगी। पिछले कुछ महीनों में आए आईपीओ की स्टॉक बाजार में दमदार लिस्टिंग हुई है।
SBFC Finance IPO : क्या आपको इस IPO में इनवेस्ट करना चाहिए? ये बातें जान लें तो फैसले में नहीं आएगी दिक्कत
एक आईपीओ की दमदार लिस्टिंग दूसरे की मजबूत लिस्टिंग की गारंटी नहीं
अभी आईपीओ बाजार में सेंटिमेंट मजबूत है। कंपनियों के आईपीओ को निवेशकों का जबर्दस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। निवेशकों को किसी कंपनी के आईपीओ में पैसे लगाने से पहले उसके बारे अच्छी तरह से जान लेना जरूरी है। किसी एक कंपनी के आईपीओ की दमदार लिस्टिंग दूसरी कंपनी के आईपीओ की दमदार लिस्टिंग की गारंटी नहीं होती। आइए एसबीएफसी फाइनेंस के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।
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क्या है एसबीएफसी फाइनेंस का बिजनेस?
SBFC Finance की शुरुआत 2008 में हुई थी। यह एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) है। यह MSME को बिजनेस के लिए कर्ज देती है, जो सेक्योर्ड होते हैं। इसकी वजह यह है कि इस लोन के लिए एमएसएमई की प्रॉपर्टी को गिरवी रखा जाता है। इस एनबीएफसी की लोन बुक में एमएसएमई की ज्यादा हिस्सेदारी है। FY23 में इसके एसेट अंडर मैनेजमेंट में एमएसएमई ग्राहकों की हिस्सेदारी करीब 81 फीसदी थी। इस एनबीएफसी की टियर 2 और टियर 3 में ज्यादा मौजूदगी है। यह कंपनी गोल्ड लोन भी देती है। इसके लोन का साइज 5 लाख रुपये से 30 लाख रुपये के बीच है। इस तरह लोन की औसत साइज 10 लाख रुपये है।
बिजनेस के विस्तार के लिए बड़ी संभावना
एसबीएफसी फाइनेंस आईपीओ से हासिल रकम का इस्तेमाल अपने बिजनेस के विस्तार के लिए करेगी। एमएसएमई मार्केट में एनबीएफसी के लिए बड़े मौके हैं। इसकी वजह यह है कि एमएसएमई सेक्टर को क्रेडिट की जितनी जरूरत है, उसके मुकाबले अभी बहुत कम क्रेडिट उपलब्ध है। FY23 में यह फर्क करीब 92 लाख करोड़ रुपये का था। इसलिए एसबीएफसी फाइनेंस के लिए इस मार्केट में बिजनेस के विस्तार के लिए बड़े मौके दिख रहे हैं।
कुशल मैनेजमेंट टीम
इस एनबीएफसी की मैनेजमेंट टीम बहुत अच्छी है। इसके प्रमोटर्स में Clearmont Group, Arpwood Group और Malabar Group शामिल हैं। इस कंपनी की शुरुआत असीम ध्रुव ने की थी। उन्हें बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर का व्यापक अनुभव है।
कैसी रही है बिजनेस ग्रोथ?
इस एनबीएफसी के एसेट अंडर मैनेजमेंट की ग्रोथ शानदार रही है। FY19 से FY23 के दौरान AUM की CAGR 44 फीसदी रही है। हालांकि, यह ग्रोथ लो बेस पर रही है। मैनेजमेंट को आगे एयूएम की ग्रोथ 25-30 फीसदी रहने की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि कंपनी की नजरें MSME मार्केट पर है, जिसमें बिजनेस के विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में सिर्फ 21 फीसदी एमएसएमई की पहुंच बैंकों और एनबीएफसी तक है। बाकी को कर्ज के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
आपको क्या करना चाहिए?
एसबीएफसी फाइनेंस ने अपने आईपीओ में शेयर की कीमत सही रखी है। FY25 में अनुमानित बुक वैल्यू की यह 2.2 गुना है। दूसरी एनबीएफसी के मुकाबले यह सस्ता है। इस कंपनी के हाई रिटर्न रेशियो को देखते हुए शेयर का प्राइस अट्रैक्टिव लगता है। शेयर के प्राइस का ऊपर बैंड 57 रुपये है। इस आधार पर इस एनबीएफसी की वैल्यूएशन 6,066 करोड़ रुपये है। कंपनी ने मई में प्री-आईपीओ प्लेसमेटं से 150 करोड़ रुपेय जुटाए थे। यह पैसा प्रति शेयर 55 रुपये के भाव पर जुटाया गया था। कंपनी की वैल्यूएशन से FY23 में इसका ROA 2.9 फीसदी से ऊपर है। ऐसे में इसकी वैल्यूशएन दूसरी एनबीएफसी के मुकाबले अट्रैक्टिव दिखती है। ऐसे में इसके शेयरों में तेजी की संभावना दिखती है।
क्या है रिस्क?
हालांकि, यह ध्यान में रखना होगा कि इस एनबीएफसी की लोन बुक में एमएसएमई की ज्यादा हिस्सेदारी है। इससे इसका एयूएम डायवर्सिफायड नहीं है। इसके अलावा इस एनबीएफसी को बिजनेस के विस्तार में दूसरी बड़ी एनबीएफसी से कड़ा मुकाबला करना होगा।