Daily Voice : घरेलू ब्याज दरें अपने चरम पर हैं और बाजार यह मानकर चल रहा है कि इस वित्तीय वर्ष की आखिरी तिमाही से दरों में कटौती देखने को मिल सकती है। ईवी पर फोकस करने वाली ऑटो एंसिलरी कंपनियों, बिल्डिंग मटेरियल, कैपिटल गुड्स, स्ट्रक्चरल ट्यूब, फाइनेंशियल और कंज्यूमर सेंट्रिक स्टॉक में इस समय निवेश के अच्छे मौके दिख रहे हैं। ये बातें राइट होराइजन्स (Right Horizons) के संस्थापक और फंड मैनेजर अनिल रेगो (Anil Rego) ने मनीकंट्रोल के साथ हुई एक बातचीत में कही हैं।
Daily Voice : बाजार को वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
कैपिटल और इक्विटी मार्केट का 3 दशकों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले अनिल रेगो ने इस बातचीत में आगे कहा कि मजबूत घरेलू मैक्रो फंडामेंटल, इंफ्रास्ट्रक्चर पर हो रहे भारी निवेश और मजबूत घरेलू मांग के चलते आगे देश में कारपोरेट सेक्टर पर प्रदर्शन और बेहतर होती दिखेगा।
अमेरिका में पीक पर ब्याज दरें
ब्याज दरों पर यूएस फेड के संभावित रुख पर बात करते हुए अनिल रेगो ने कहा कि फेडरल रिजर्व ने अपनी नीति दर में हाल में 0.25 फीसदी की बढ़त की है। जिससे यह बढ़कर 5.5 फीसदी पर पहुंच गई है। अमेरिका में दरें 22 सालों के उच्चतम स्तर पर हैं। अमेरिका लगातार महंगाई से जूझ रहा है। एफओएमसी ने अपनी हालिया बैठक में 0.25 फीसदी की एक और बढ़ोतरी का संकेत दिया है। इसका मतबल है कि अमेरिका में दरें चरम स्तर के करीब हैं।
फार्मा कंपनियों पर न्यूट्रल नजरिया
फार्मा सेक्टर पर बात करते हुए अनिल ने कहा कि पिछले कुछ सालों के दौरान भारतीय फॉर्मा कंपनियां ग्लोबल दवा कंपनियों के लिए विश्वसनीय साबित हुई हैं। भारतीय कंपनियां बाजार में उपलब्ध मौकों का फायदा उठाने के नजरिए से बेहतर स्थिति में दिख रही हैं। भारतीय फर्मा कंपनियां ग्लोबल फॉर्मा कंपनियों को अच्छी टक्कर दे रही हैं। दुनिया के अधिकांश बाजारों में इनकी अच्छी खासी बाजार हिस्सेदारी है।
नए लॉन्च किए गए उत्पादों के चलते भारतीय फार्मा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है। इसके चलते आगे इन कंपनियों की कमाई में अच्छी बढ़त की उम्मीद है। इमर्जिंग मार्केट में लगातार बनी तेजी बड़ी कंपनियों और डाइवर्सिफाइड कंपनियों की बिक्री में बढ़त होने की संभावना है। API सेगमेंट के लिए लॉन्ग टर्म के नजरिए से ग्रोथ की व्यापक संभावना दिख रही है। हालांकि शॉर्ट टर्म के नजरिए से देखने तो लागत में बढ़त चुनौती बनी हुई है। अनिल ने आगे कहा कि फार्मा सेक्टर पर उनका नजरिया न्यूट्रल बना हुआ है। फार्मा में API और CDMO (contract development and manufacturing organization)सेगमेंट पर नजरें बनी रहेंगी।
आईपीओ मार्केट में दिखेगा एक्शन
आईपीओ मार्केट पर बात करते हुए अनिल ने कहा कि एक स्टेबल बुल मार्केट, मजबूती से बढ़ती अर्थव्यवस्था, अच्छा मार्केट सेंटीमेंट और कारपोरेट सेक्टर के मजबूत फंडामेंटल्स आईपीओ लाने के लिए सबसे अच्छा मौका होता है। ऐसी स्थिति में बाजार में काफी अच्छी लिक्विडिटी रहती है जो आईपीओ के जरिए पूंजी जुटाने को लिए अच्छा मौका होता है। ऐसे में हमें आगे बाजार में काफी नए आईपीओ आते दिख सकते हैं।
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