Adani Wilmar के शेयरों में 5% की बड़ी गिरावट, इस कारण धड़ाधड़ हो रही बिकवाली

Adani Group News: अदाणी ग्रुप की एफएमसीजी कंपनी अदाणी विल्मर (Adani Wilmar) के शेयरों में आज बिकवाली का दबाव दिख रहा है। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) इसमें अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है, इससे जुड़ी रिपोर्ट सामने आने के बाद निवेशक धड़ाधड़ शेयर बेचने लगे। इसके चलते अदाणी विल्मर के शेयर इंट्रा-डे में करीब 5 फीसदी टूटकर 374 रुपये पर आ गए। फिलहाल बीएसई पर यह 3.80 फीसदी की गिरावट के साथ 377.65 रुपये (Adani Wilmar Share Price) पर ट्रेड हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ अदाणी एंटरप्राइजेज 1.32 फीसदी की तेजी के साथ 2507.75 रुपये (Adani Enterprises Share Price) पर है।। अदाणी विल्मर अदाणी ग्रुप और विल्मर इंटरनेशनल के बीच कंज्यूमर-स्टेपल का एक ज्वाइंट वेंचर है।

Adani Enterprises क्यों बेच रही हिस्सेदारी

न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के मुताबिक अदाणी एंटरप्राइजेज अदाणी विल्मर में अपनी 44 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। मौजूदा बाजार भाव के हिसाब से ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी की अदाणी विल्मर में हिस्सेदारी करीब 270 करोड़ डॉलर की है। जानकारी के मुताबिक अदाणी एंटरप्राइजेज इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटाना चाहती है ताकि वह अपने कोर बिजनेस के लिए पूंजी रख सके। हालांकि अभी इसे लेकर योजना शुरुआती चरण में ही है। इस मामले में अदाणी ग्रुप के प्रवक्ता का कहना है कि ग्रुप मार्केट स्पेक्युलेशन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है। वहीं विल्मर के प्रतिनिधि ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

Ola News: नई बाईक की फोटो लीक, गुस्साए सीईओ ने की माफी की मांग, बदल दी पूरी की पूरी स्ट्रैटजी

एक साल के हाई से 55% नीचे है Adani Wilmar का शेयर

अदाणी विल्मर का शेयर आज करीब 5 फीसदी टूटा है। एक साल के हाई से बात करें तो यह करीब 55 फीसदी नीचे है। पिछले साल 23 सितंबर 2022 को यह एक साल के हाई 841.90 रुपये पर था। इसकी लिस्टिंग भी पिछले साल ही 8 फरवरी 2022 को हुई थी। आईपीओ निवेशकों को इसके शेयर 230 रुपये के भाव पर जारी हुए थे और एंप्लॉयीज को 21 रुपये का डिस्काउंट मिला था।

घाटा खत्म करने के लिए Flipkart के शेयर कैपिटल में होगी कटौती, Walmart पहुंची NCLT के पास, समझें क्या है इसका मतलब

वित्तीय सेहत कैसी है

अदाणी विल्मर फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) सेक्टर की कंपनी है। यह एडिबल ऑयल्स, गेहूं का आटा, चावल, दाल और चीनी जैसी किचन से जुड़ी कमोडिटीज की बिक्री करती है। यह कंपनी 1999 में बनी थी। कंपनी की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 10 हजार से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर्स के जरिए इसकी पहुंच 11.4 करोड़ से अधिक परिवारों तक है। इसके कारोबारी प्रतिस्पर्धी की बात करें तो इसे आईटीसी (ITC) और हिंदुस्तान यूनीलीवर (Hindustan Unilever) टक्कर देती हैं। जून तिमाही में इसे 79 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ था। मैनेजमेंट के मुताबिक खाने वाले तेल की कीमतों में गिरावट और इंवेंटरी की बढ़ती लागत के चालत इसका घाटा बढ़ा।

Source link

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *