स्टॉक मार्केट जब लाइफ टाइम हाई पर हो तो भूल कर न करें ये 5 गलतियां

स्टॉक मार्केट्स (Stock Markets) में ज्यादातर निवेशक गलती करते हैं और अपने पैसे डूबा देते हैं। फिर, वह हमेशा के लिए मार्केट से तौबा कर लेते हैं। वे दूसरों को भी स्टॉक मार्केट से दूर रहने की सलाह देते हैं। वे मार्केट के बारे में कई तरह की बातें करते हैं। पैसा डुबाने वाले कुछ निवेशक तो इसे जुआ तक बताते हैं। दूसरी तरफ कुछ लोग तैयारी के साथ शेयरों में पैसा लगाना पसंद करते हैं। अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश करते हैं। पैसा डूबने की असल वजह तलाशने की कोशिश करते हैं। वे बाजार में भरोसा बनाए रखते हैं। खासकर, जब बाजार ऑल-टाइम पर होता है तो बाजार में लोगों की दिलचस्पी बढ़ जाती है। आइए हम उन गलतियों के बारे में जानते हैं, जो अक्सर ऐसे वक्त निवेशकों की तरफ से की जाती है।

एकमुश्त निवेश करने से बचें

पिछले दिनों बाजार ने ऑल-टाइम हाई बनाए। Sensex और Nifty अब तक के सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंच गए। इस बार खास बात यह रही कि इसे तेजी में छोटे-बड़े सभी कंपनियों के शेयरों की हिस्सेदारी रही। लार्जकैप से ज्यादा तेजी मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में देखने को मिली। इससे शेयरों की कीमतें बहुत बढ़ गईं। उनकी वैल्यूएशंस बढ़ गई। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब वैल्यूएशंस बहुत हाई पर पहुंच जाए तो निवेशकों को एकमुश्त निवेश करने से बचना चाहिए। उन्हें निवेश रोकना नहीं चाहिए। लेकिन, एकमुश्त निवेश की जगह धीरे-धीरे पैसे बाजार में लगाने चाहिए।

मिडकैप-स्मॉलकैप में निवेश में सावधानी बरतें

इस बार यह देखने को मिला है कि मार्च के आखिर से शुरू हुई इस रैली में लार्जकैप स्टॉक्स के मुकाबले मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में ज्यादा उछाल आया है। इससे इन कंपनियों के शेयर बहुत महंगे हो गए हैं। तेजी के दौरान कई ऐसी कंपनियों के शेयरों में भी उछाल देखने को मिलता है, जिनकी बुनियादी स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं होती हैं। वे कर्ज के बोझ से दबी होती हैं। उन्हें प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। ऐसे में करेक्शन आने पर इन कंपनियों के शेयरों की कीमतों में तेज गिरावट की आशंका होती है। इसलिए अभी ऐसी कंपनियों में निवेश में सावधानी बरतना जरूरी है।

नए निवेशक स्टॉक्स में सीधे निवेश करने से बचें

स्टॉक मार्केट जब ऑल-टाइम हाई पर होता है तो शेयरों में निवेश करने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ जाती है। यही वजह है कि अक्सर बाजार में तेजी के दौरान डीमैट अकाउंट्स ओपने होने की रफ्तार बढ़ जाती है। इसकी वजह यह है कि हर व्यक्ति इस तेजी का फायदा उठाना चाहता है। उसे लगता है कि अभी निवेश करने पर उसे मोटी कमाई हो सकती है। लेकिन, ऐसा नहीं होता है। निवेश से मुनाफा कमाने का सिद्धांत यह है कि सस्ता खरीदों और महंगा बेचो। इसका मतलब यह है कि आप किसी शेयर को जितनी कम कीमत में खरीदेंगे आपके मुनाफा कमाने की गुंजाइश उतनी ज्यादा होगी। बाजार हाई पर होने पर शेयर की कीमतें अपने कई महीनों या साल की उंचाई पर हो सकती हैं। ऐसे में उनसे मुनाफा कमाने के लिए आपको लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। इसलिए नए निवेशकों को सीधे शेयरों में निवेख करने की जगह म्यूचुअल फंड के SIP का इस्तेमाल करना चाहिए।

दोस्त-रिश्तेदारों की सलाह पर नहीं खरीदे शेयर

मार्केट जब हाई पर होता है तो हर कोई दूसरों को सलाह देना शुरू कर देता है। इसकी वजह यह है कि सुनी-सुनाई बातें तेजी से सर्कुलेट करने लगती हैं। ऐसे में अक्सर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को इनवेस्टमेंट सलाह देता नजर आता है। वह यह भी बताता है कि उसने A, B और C शेयरों में निवेश कर दिया है। अपने दोस्त या रिश्तेदार से ऐसी बातें सुनकर आपका मन भी उन शेयरों पर दांव लगाने के लिए मचल सकता है। लेकिन, ऐसा करना बड़ी गलती हो सकती है। तेजी के दौरान अच्छे और खराब शेयरों की पहचान करना मुश्किल हो जाती है। इसलिए दूसरों की बातें सुनकर किसी शेयर में निवेश नहीं करें। अगर आपको अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार पर भरोसा हो तो उससे उन शेयरों में निवेश करने की वजह जरूर पूछ लें। उसके जवाब से संतुष्ट होने के बाद ही निवेश करें।

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उधार का पैसा मार्केट में नहीं लगाए

कई बार लोग स्टॉक मार्केट में मोटी कमाई का मौका नहीं चूकना चाहते हैं। इसके लिए वे पैसा नहीं होने पर दोस्त या रिश्तेदार से उधार लेकर मार्केट में कूद जाते हैं। कई लोग तो पर्सनल लोन तक लेकर मार्केट में इनवेस्ट करते हैं। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। स्टॉक मार्केट की आगे की चाल के बारे में कोई नहीं जानता है। ऐसे में नुकसान होने पर उधार पर लिया गया आपका पैसा डूबने पर आपके लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो सकती है। इसलिए स्टॉक मार्केट से जुड़े रिस्क को ध्यान में रखते हुए कभी उधार का पैसा इसमें निवेश नहीं करे। खासकर तब जब बाजार ऑल-टाइम हाई पर हो तो ऐसा कभी नहीं करें। इसकी वजह यह है कि मार्केट एक साइकिल में चलता है। ऑल-टाइम हाई पर पहुंचने के बाद मार्केट में करेक्शन आता है।

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