स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Zerodha के को-फाउंडर और CFO निखिल कामत (Nikhil Kamath) ने एक नई पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत वे छोटे इंडियन ब्रांड्स के साथ साझेदारी कर उनकी मदद करना चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे इन ब्रांड्स के लिए फंडिंग करना चाहते हैं। इस पहल के माध्यम से उनका मकसद घरेलू बिजनेस को बढ़ावा देना और कंज्यूमर्स के बीच देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना है।
Nikhil Kamath भारतीय ब्रांड्स में करेंगे निवेश, घरेलू बिजनेस को बढ़ावा देना है मकसद
To all brand managers and advertisers reaching out for paid promotions, etc., I’m humbled but 100 per cent uninterested. Pls don’t spam me. If I ever share a brand going forward, it’s out of genuine love, not for payment. What’s the coolest undiscovered Indian #brand you know?…
— Nikhil Kamath (@nikhilkamathcio) August 4, 2023
फॉलोवर्स से की अपील
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निखिल कामत ने अपने फॉलोअर्स से अच्छे और कम चर्चित इंडियन ब्रांड्स के बारे में बताने के लिए कहा है। उनका इरादा लोकल ब्रांड्स की मदद करते हुए उन्हें पहचान दिलाना है। वे ऐसे ब्रांड्स की मदद करना चाहते हैं जो भले ही अपने विदेशी पियर्स की तुलना में कम चर्चित हों। कामत ने एक ट्वीट में कहा, “देशभक्ति की कई परिभाषाएं हैं। इसी कड़ी में आज मैं विदेशी ब्रांडों की तुलना में भारतीय ब्रांडों (ओनर और ऑपरेशन) को चुन रहा हूं। भले ही उनके विदेशी पियर्स ‘थोड़ा’ बेहतर हों।”
गृहास कलेक्टिव फंड की स्थापना
अपने लेटेस्ट वेंचर के हिस्से के रूप में निखिल कामत ने विजय सुब्रमण्यम और अभिजीत पई के साथ गृहास कलेक्टिव फंड की स्थापना की है। इस फंड का शुरुआती कोष 150 करोड़ रुपये है और इसका मकसद भविष्य में इसके पैमाने को काफी हद तक बढ़ाना है। फंड का फोकस भारतीय स्मॉल इंडिपेंडेंट कंज्यूमर स्टार्टअप को बढ़ावा देना है। इन बिजनेस में निवेश करके कामत और उनके पार्टनर का लक्ष्य आत्मनिर्भरता और विकास के इकोसिस्टम को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल में थे शामिल
हाल ही में, कामत व्हाइट हाउस की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन-व्यक्ति प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। यात्रा से कुछ समय पहले उन्होंने तब भी सुर्खियां बटोरीं जब वह बिल और मेलिंडा के गेट्स फाउंडेशन के साथ अपनी आधी संपत्ति दान करने का फैसला किया। ऐसा करने वाले वे न केवल चौथे बल्कि सबसे कम उम्र के भारतीय बन गए।