Pyramid Technoplast IPO : इंडस्ट्रियल पैकेजिंग कंपनी पिरामिड टेक्नोप्लास्ट का आईपीओ कल यानी 18 अगस्त को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाला है। SBFC फाइनेंस, कॉनकॉर्ड बायोटेक और TVS सप्लाई चेन सॉल्यूशंस के बाद यह इस महीने का चौथा पब्लिक इश्यू होगा। इस आईपीओ में निवेशक 22 अगस्त तक निवेश कर सकेंगे। वहीं, एंकर निवेशकों के लिए यह इश्यू एक दिन पहले यानी 17 अगस्त को खुल जाएगा। कंपनी ने इश्यू के लिए 151-166 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। कंपनी का इरादा इस आईपीओ के जरिए 153 करोड़ रुपये जुटाने का है।
Pyramid Technoplast IPO : 18 अगस्त को खुलेगा 153 करोड़ का आईपीओ, निवेश से पहले जानिए रिस्क फैक्टर्स समेत तमाम डिटेल
आईपीओ से जुड़ी डिटेल
पॉलिमर ड्रम जैसे पॉलिमर-बेस्ड मोल्डेड प्रोडक्ट्स के बनाने वाली कंपनी ने लोवल प्राइस बैंड पर 139.22 करोड़ रुपये और अपर प्राइस बैंड पर 153.05 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। इसका कुल इश्यू साइज 92,20,000 शेयर है। इसमें 55,00,000 फ्रेश इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे। वहीं, 37,20,000 शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत होगी।
निवेशक कम से कम 90 इक्विटी शेयरों के लॉट में और उसके बाद 90 शेयरों के मल्टीपल में बोली लगा सकते हैं। अपर प्राइस बैंड के हिसाब से निवेशकों को कम से कम 14,940 रुपये का निवेश करना होगा। अधिकतम 13 लॉट के लिए निवेश किया जा सकेगा।
यह कंपनी की ओर से एक बुक-बिल्डिंग ऑफर है, जिसने इश्यू साइज का 30 फीसदी QIB के लिए, 20 फीसदी हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल के लिए और शेष 50 फीसदी हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित किया है। इसके अलावा, कंपनी क्यूआईबी बुक का 60 फीसदी तक एंकर निवेशकों के हिस्से के लिए आवंटित कर सकती है।
कहां होगा फंड का इस्तेमाल
आईपीओ खर्चों को छोड़कर फ्रेश इश्यू की आय का इस्तेमाल कुछ कर्ज (40 करोड़ रुपये) चुकाने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, वर्किंग कैपिटल जरूरतों (40.21 करोड़ रुपये) में भी फंड का इस्तेमाल होगा। शेष फंड को सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए खर्च किया जाएगा।
मार्च FY23 के अंत में इसके बहीखातों पर कुल उधारी 55.34 करोड़ रुपये थी, जो पिछले वर्ष के 64.8 करोड़ रुपये से कम है। इसका मतलब है कि फ्रेश के साथ, कंपनी का डेट-टू-इक्विटी रेश्यो मार्च के अंत में 0.52 से बढ़कर अगस्त में 0.86 हो जाने की उम्मीद है। ओएफएस से जुटाई गई धनराशि बेचने वाले शेयरधारक क्रेडेंस फाइनेंशियल को दी जाएगी।
रिस्क फैक्टर्स
मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशन, जो पश्चिमी भारत (भरूच, गुजरात और सिलवासा, दादरा और नगर हवेली) में स्थित हैं, किसी भी राजनीतिक बाधा, प्राकृतिक आपदाओं, नागरिकों के विरोध जैसे फैक्टर्स से प्रभावित हो सकते हैं। इसके राजस्व का बड़ा हिस्सा पॉलिमर ड्रम और इंटरमीडिएट बल्क कंटेनर (आईबीसी) जैसे पॉलिमर बेस्ड मोल्डेड इंडस्ट्रियल पैकेजिंग प्रोडक्ट्स के निर्माण से आता है।
पॉलिमर कच्चे तेल का डेरिवेटिव है और कच्चे तेल की कीमत में कोई भी बड़ी वृद्धि या पॉलिमर की सप्लाई में कमी इसके बिजनेस पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। माइल्ड स्टील का निर्माण लौह अयस्क और स्पंज आयरन का उपयोग करके किया जाता है और इसलिए, लौह अयस्क और स्पंज आयरन की कीमत में वृद्धि या लौह अयस्क और स्पंज आयरन की सप्लाई में कमी MS ड्रम के निर्माता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
कंपनी ने अपने प्रोडक्ट्स की खरीद के लिए ग्राहकों के साथ कोई लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट नहीं किया है। कंपनी ने पहले नेगेटिव कैश फ्लो की सूचना दी है और भविष्य में भी ऐसा जारी रह सकता है। भारत सरकार द्वारा पॉलिमर बेस्ड पैकेजिंग पर कोई भी प्रतिबंध इसके व्यवसाय को प्रभावित कर सकता है।
अलॉटमेंट और लिस्टिंग डेट
सब्सक्रिप्शन के बाद सफल निवेशकों को शेयरों का अलॉटमेंट 25 अगस्त को होगा। पात्र निवेशकों के डीमैट अकाउंट में इक्विटी शेयर 29 अगस्त को क्रेडिट कर दिए जाएंगे। असफल निवेशकों के लिए रिफंड की प्रक्रिया 28 अगस्त को शुरू हो जाएगी। कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 30 अगस्त को होगी।
विश्लेषकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ग्रे मार्केट में इसके आईपीओ शेयर अपर प्राइस बैंड से 10 फीसदी से अधिक प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। पीएनबी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज और फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल इस इश्यू के मर्चेंट बैंकर हैं, जबकि बिगशेयर सर्विसेज ऑफर के रजिस्ट्रार हैं।
कंपनी के बारे में
पिरामिड टेक्नोप्लास्ट, ब्लो मोल्डिंग तकनीक के साथ पॉलिमर बेस्ड मोल्डेड प्रोडक्ट्स यानी पॉलिमर ड्रम बनाती है, जिनका इस्तेमाल मुख्य रूप से केमिकल, एग्री केमिकल, स्पेशियलिटी केमिकल और दवा कंपनियों द्वारा उनकी पैकेजिंग के लिए किया जाता है।
यह रसायनों, कृषि रसायनों और विशेष रसायनों की पैकेजिंग और परिवहन में उपयोग किए जाने वाले हल्के स्टील (एमएस) से बने एमएस ड्रम भी बनाती है। इंजेक्शन मोल्डिंग तकनीक का उपयोग घरेलू उपयोग के लिए कैप, क्लोजर, बंग, ढक्कन, हैंडल, लग्स आदि के निर्माण के लिए किया जाता है।
पिरामिड टेक्नोप्लास्ट ने 1998 में अपना कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू किया और अब इसकी 6 से अधिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जिनमें से चार भरूच, GIDC, गुजरात में स्थित हैं, और दो सिलवासा, यूटी दादरा और नगर हवेली में स्थित हैं। इसकी सातवीं मैन्युफैक्चरिंग यूनिट मौजूदा 6 यूनिट के निकट भरूच में अंडर कंस्ट्रक्शन है। इसकी पॉलिमर ड्रम निर्माण यूनिट्स की कुल स्थापित क्षमता 20,612 MTPA (मीट्रिक टन प्रति वर्ष) है।