Crop Life Science IPO: एग्रीकल्चर केमिकल बनाने वाली कंपनी क्रॉप लाइफ साइंस का आईपीओ बोली खुलने के पहले दिन, शुक्रवार 18 अगस्त को 0.84 फीसदी सब्सक्राइब हुआ। कंपनी को सबसे अधिक बोली रिटेल निवेशकों से मिली, जिन्होंने अपने लिए आरक्षित शेयरों का करीब 1.52 गुना सब्सक्राइब किया। वहीं ‘अन्य’ कैटेगरी में कंपनी को 0.17 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। कंपनी ने अपने आईपीओ के तहत कुल 48.80 करोड़ शेयरों को बिक्री के लिए रखा है, जिसके बदले अभी तक उसे 41.16 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिली हैं।
Crop Life Science IPO: पहले दिन 84% सब्सक्राइब हुआ इश्यू, जानें ग्रे मार्केट में क्या चल रहा भाव
क्रॉप लाइफ साइंस का आईपीओ 22 अगस्त तक खुला रहेगा। कंपनी ने अपने शेयरों के लिए 52 रुपये का भाव तय किया है। रिटेल निवेशकों 2 हजार शेयरों के लॉट में बोली लगा सकते हैं। रिटेल निवेशकों के लिए आईपीओ का 50% हिस्सा आरक्षित है। क्रॉप लाइफ साइंस के शेयरों का अलॉटमेंट 25 अगस्त को फाइनल होगा।
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जानकारों के मुताबिक, क्रॉप लाइफ साइंस के शेयर शुक्रवार को ग्रे मार्केट में 10% के प्रीमियम पर कारोबार कर रहे थे। हालांकि स्टॉक मार्केट के जानकारों का कहना है कि किसी भी आईपीओ के बारे में एक ठोस रॉय बनाने के लिए निवेशकों को ग्रे मार्केट प्रीमियम को नहीं देखना चाहिए। असलियत में कंपनी की वित्तीय सेहत ही उसकी सही तस्वीर बताती है।
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क्रॉप लाइफ साइंस के शेयर, एनएसई के SME प्लेटफॉर्म पर 30 अगस्त को लिस्ट होंगे। आईपीओ के जरिए कंपनी 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 51.40 लाख नए शेयर जारी करेगी। इन शेयरों को जारी कर जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, आम कॉरपोरेट उद्देश्यों और आईपीओ के खर्चों को भरने में करेगी।
कंपनी के बारे में
क्रॉप लाइफ साइंस माइक्रो फर्टिलाइजर्स और पेस्टिसाइड्स जैसे एग्रोकेमिकल तैयार करती है। इसके पोर्टफोलियो में 85 से अधिक एग्रो-केमिकल प्रोडक्ट्स हैं। इसका मैनुफैक्चरिंग प्लांट गुजरात के जीआईडीसी अंकलेश्वर में स्थित है। इसके प्रोडक्ट्स की बिक्री न सिर्फ भारत में बल्कि इंडोनेशिया, बांग्लादेश, इजिप्ट, म्यामार, वियतनाम, सूडान समेत अन्य देशों में भी होती है। अब कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2020 में इसे 3.23 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले ही वित्त वर्ष में बढ़कर 3.70 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि अगले ही वित्त वर्ष यह गिरकर 2.81 करोड़ रुपये पर आ गया लेकिन फिर वित्त वर्ष 2023 में 4.36 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।