ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) के शेयरों में आज जमकर खरीदारी हो रही है। इस खरीदारी के चलते शेयर 5 फीसदी से अधिक उछल गए। यह खरीदारी एक ब्लॉक डील के चलते हो रही है। इस ब्लॉक डील के तहत कंपनी के 1.17 फीसदी के बराबर शेयरों का लेन-देन हुआ। इन शेयरों को किसने खरीदा और किसने बेचा, इसका खुलासा तो नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि सॉफ्टबैंक ने अपने हिस्से के शेयर बेच हैं। इसके चलते जोमैटो के शेयर आज रॉकेट बन गए।
एक ब्लॉक डील पर Zomato में 5% का उछाल, मुनाफा निकाल लें या अभी और चढ़ेगा भाव?
फिलहाल बीएसई पर यह 4.49 फीसदी की तेजी के साथ 98.90 रुपये (Zomato Share Price) पर ट्रेड हो रहा है। इंट्रा-डे में यह 99.69 रुपये तक पहुंचा था। 25 जनवरी 2023 को यह 44.35 रुपये तक फिसल गया था यानी कि 7 महीने में यह 123 फीसदी मजबूत हुआ है।
Zomato में किस भाव पर हुई है ब्लॉक डील
जोमैटो के करीब 10 करोड़ शेयरों की आज ब्लॉक डील हुई है। यह सौदा करीब 947 करोड़ रुपये का पड़ा और इसके लिए 94.70 रुपये का भाव फिक्स किया गया था। यह एक कारोबारी दिन पहले के क्लोजिंग प्राइस के लगभग फ्लैट था। एक कारोबारी दिन पहले जोमैटो बीएसई पर 94.65 रुपये पर बंद हुआ था। इस ब्लॉक डील के कुछ दिन पहले एक विदेशी संस्थागत निवेशक टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट ने जोमैटो में अपनी पूरी 1.44 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी थी। 28 अगस्त को इस डील के तहत टाइगर ग्लोबल को 1,123.85 करोड़ रुपये मिले थे।
SoftBank की कितनी है हिस्सेदारी
जोमैटो के शेयरों की आज ब्लॉक डील में कौन-कौन शामिल रहे, इसका खुलासा तो अभी नहीं हुआ है लेकिन सीएनबीसी-टीवी18 को सूत्रों से हवाले से जानकारी मिली थी कि सॉफ्टबैंक इसमें 1.17 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। सॉफ्टबैंक की इसमें अपने वेंचर कैपिटल फंड सॉफ्टबैंक विजन फंड के जरिए 3.35 फीसदी हिस्सेदारी है। सॉफ्टबैंक को ये शेयर ब्लिंकिट डील के दौरान अपनी होल्डिंग कंपनी को बेचने के चलते मिली थी और इसका लॉक इन पीरियड 25 अगस्त को खत्म हो गया।
पैसे लगाने को लेकर ब्रोकरेज की क्या है सलाह
जोमैटो का फोकस फिलहाल विस्तार की बजाय मुनाफे पर है। अब यह हर ऑर्डर पर 2 रुपये की प्लेटफॉर्म फीस ले रही है। जून तिमाही में इसे पहली बार 2 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। विदेशी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनले ने 115 रुपये के टारगेट प्राइस पर इसकी ओवरवेट रेटिंग कायम रखी है। मॉर्गन स्टैनले के मुताबिक अगर प्लेटफॉर्म फीस मॉडल कंपनी जारी रखती है तो इसे शानदार मुनाफा हासिल होगा।
एचएसबीसी ने इसमें निवेश के लिए टारगेट प्राइस बढ़ाकर 120 रुपये कर दिया है और खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है। एचएसबीसी का मानना है कि कंपनी हाइपरलोकल पर जिस तरीके से फोकस किए हुए है, उससे ब्लिंकिट की वैल्यू पर लॉन्ग टर्म भरोसा बन रहा है। फिलहाल ब्लिंकिट की वैल्यू करीब 500 करोड़ डॉलर है। एचएसबीसी का मानना है कि जोमैटो के लिए लॉन्ग टर्म में जोमैटो के लिए हाइपरलोकल बड़ा बिजनेस बनकर उभरेगा।
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