जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने 1 सितंबर को देर रात गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले ED ने नरेश गोयल से मुंबई के दफ्तर में पूछताछ की थी। अधिकारियों के मुताबिक, नरेश गोयल पर 538 करोड़ रुपए का बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है। नरेश गोयल को ED ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया है।
जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को ED ने गिरफ्तार किया, 538 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले का आरोप
इस साल 19 जुलाई को ED ने नरेश गोयल और कुछ दूसरे लोगों पर छापा मारा था। तब ED ने मुंबई और कुछ दूसरे इलाकों के घर-दफ्तर पर छापेमारी की थी।
इससे पहले CBI ने जेट एयरवेज, नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता के खिलाफ FIR दायर किया था। इन लोगों के साथ ही CBI ने केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में कुछ दूसरे लोगों के खिलाफ भी FIR दायर किया था।
CBI ने केनरा बैंक की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज किया था। केनरा बैंक का आरोप है कि उसने जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड को 848.86 करोड़ रुपए का क्रेडिट लिमिट्स और लोन पास किया था। इसमें से 538.62 करोड़ रुपए का बकाया है।
जेट एयरवेज की उड़ान 17 अप्रैल 2019 से बंद है। इसके बाद CBI ने 29 जुलाई 2021 को जेट एयरवेज के अकाउंट को फ्रॉड करार दिया था। बैंक का आरोप था कि जेट एयरवेज के फॉरेंसिक ऑडिट से यह पता चलता है कि इसने रिलेटेड कंपनियों को 1410.41 करोड़ रुपए का पेमेंट करते फंड का गलत इस्तेमाल किया है।
CBI के FIR के मुताबिक, “जेट एयरवेज के सैंपल एग्रीमेंट के मुताबिक, जनरल सेलिंग एजेंट्स (GSA) का खर्च खुद GSA ने उठाया था ना कि जेट एयरवेज ने। हालांकि यह पता चला है कि जेट एयरवेज ने 403.27 करोड़ रुपए अलग-अलग चीजों पर खर्च किया जो GSA के मुताबिक नहीं था।”