गुरुवार 28 सितंबर को L&T (Larsen & Toubro) के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। इसकी वजह कंपनी के शेयर बायबैक को मिल रहा अच्छा रिस्पॉन्स है। यह बायबैक 18 सितंबर को खुला था और गुरुवार को शेयर बाजार में कारोबार खत्म होने पर बिड का सेटलमेंट होगा। NSE पर मौजूद डेटा के मुताबिक, 10000 करोड़ रुपये का बायबैक 7.2 गुना सब्सक्राइब हुआ है और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने अधिक दिलचस्पी दिखाई है। गुरुवार को BSE पर L&T का शेयर बढ़त दर्ज करता हुआ 2998.35 रुपये पर खुला। इसके बाद देखते ही देखते यह पिछले बंद भाव से 3 प्रतिशत की तेजी दर्शाता हुआ 3050.70 रुपये पर जा पहुंचा। यह स्टॉक का बीएसई पर 52 सप्ताह का उच्च स्तर है।
शेयर बायबैक का असर, 3% चढ़कर रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा L&T का स्टॉक
बुधवार को शेयर 2961.70 रुपये पर बंद हुआ था। NSE पर L&T स्टॉक सुबह 2989 रुपये पर खुला और फिर इसने 52 सप्ताह का उच्च स्तर 3050.50 रुपये छुआ। यह पिछले बंद भाव 2965.05 रुपये से करीब 3 प्रतिशत ज्यादा है। 28 सितंबर की शाम को शेयर बायबैक बिड्स के सेटलमेंट के अलावा अस्वीकार्य इक्विटी शेयरों का रिटर्न और बायबैक में भाग लेने वाले पात्र शेयरधारकों को यील्ड का भुगतान भी किया जाएगा।
3.13 करोड़ शेयरों का था ऑफर
L&T ने जुलाई माह में वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजों की घोषणा के दौरान शेयर बायबैक का ऐलान किया था। कंपनी ने कहा था कि निदेशक मंडल ने 10,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों के बायबैक के लिए मंजूरी दे दी है। शेयर बायबैक में 3.13 करोड़ शेयरों का ऑफर था और कंपनी को 22.5 करोड़ शेयरों के लिए 72,160 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं। शेयर बायबैक के लिए मैक्सिमम प्राइस 3200 रुपये प्रति शेयर है। इस शेयर बायबैक के पीछे कंपनी का प्रमुख मकसद शेयरहोल्डर्स के लिए इक्विटी पर रिटर्न बढ़ाना था। पिछले एक माह में L&T शेयर 12 प्रतिशत और एक साल में करीब 40 प्रतिशत चढ़ा है। UBS के एनालिस्ट्स ने स्टॉक के लिए ‘बाई’ रेटिंग दी है और टार्गेट प्राइस 3,040 रुपये प्रति शेयर से बढ़ाकर 3,600 रुपये प्रति शेयर कर दिया है।
Q1 में मुनाफा 36% बढ़ा
जून तिमाही में L&T का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 36 प्रतिशत बढ़कर 3,116.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 2,293.01 करोड़ रुपये रहा था। वहीं कुल आय बढ़कर 49,027.93 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 36,547.92 करोड़ रुपये थी।