पिछले 8 महीनों में NSE (National Stock Exchange) पर यूनीक रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स की संख्या 8 करोड़ को पार कर गई है। वर्तमान में, रजिस्टर्ड 14.9 करोड़ क्लाइंट कोड्स में से यूनीक यूजर्स लगभग 50 प्रतिशत हैं। एक क्लाइंट कई कोड रजिस्टर करा सकता है। इसका मतलब हुआ कि NSE पर वर्तमान में कुल यूजर्स करीब 15 करोड़ हैं और उनमें से यूनीक यूजर्स 8 करोड़ हैं। यह जानकारी NSE ने एक बयान में दी है। NSE के इस आंकड़े पर Zerodha के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामत (Nitin Kamath) की टिप्पणी आई है। कामत ने X (पूर्व में ट्विटर) और लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा कि NSE पर यूजर ग्रोथ का एक बड़ा हिस्सा पिछले 3-4 वर्षों में हासिल हुआ है।
NSE पर यूनीक रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स 8 करोड़ के पार, नितिन कामत ने बताया क्यों अहम है यह ग्रोथ
नितिन कामत के मुताबिक, फाइनेंशियलाइजेशन की रफ्तार क्रेजी करने वाली है और यह एक्सचेंजों, विशेषकर NSE इंडिया की बदौलत कोई छोटा हिस्सा नहीं है। यह भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। कामत ने सॉवरेन बॉन्ड्स का उदाहरण देकर इसे समझाया है।
इस साल जारी हुए SGB, कुल गोल्ड इंपोर्ट का 10%
उनका कहना है कि इस साल जारी हुए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB), कुल गोल्ड इंपोर्ट का लगभग 10 प्रतिशत है। इसका अर्थ है कि SGB से गोल्ड के मामले में पैसा देश में ही रहा और बाहर नहीं गया। इसके अलावा तिजोरियों में पड़ा ज्यादातर फिजिकल गोल्ड अर्थव्यवस्था के काम नहीं आता है। चूंकि ज्यादातर एसजीबी, ब्रोकर्स के माध्यम से एक्सचेंजों पर खरीदे जाते हैं, इसलिए वे संभावित रूप से कई नए निवेशक लाते हैं जो SGB के अलावा अन्य चीजों में भी निवेश कर सकते हैं।
अप्रैल-सितंबर अवधि में 76 लाख नए रजिस्ट्रेशन
आंकड़ों के अनुसार, FY2024 में अभी तक कुल 11,518.57 करोड़ रुपये के एसजीबी सब्सक्राइब हुए हैं, जबकि गोल्ड इंपोर्ट 1.08 लाख करोड़ रुपये का रहा है। NSE के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-सितंबर अवधि में 76 लाख नए निवेशकों ने रजिस्ट्रेशन किया। FY23 में नए निवेशकों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 1.3 करोड़ रहा था। यह FY22 में 1.9 करोड़ और FY21 में 0.90 करोड़ था।