गेमिंग इंडस्ट्री की गुहार, सरकार टाल दे 1 अक्टूबर से ऑनलाइन मनी गेम्स पर 28% GST का नियम

ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) ने वित्त मंत्रालय से अपील की है कि वह 1 अक्टूबर से ऑनलाइन मनी गेम्स पर 28 प्रतिशत GST के अपने ताजा नोटिफिकेशन को सस्पेंड कर दे। 29 सितंबर को वित्त मंत्रालय ने 1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत की नई GST दर के प्रभावी होने को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नई दर के प्रस्ताव को राज्य सरकारों को अपनी-अपनी विधानसभाओं में पारित करने या फिर इसे लेकर अध्यादेश लाने को कहा गया था। लेकिन अभी भी करीब 12 राज्य सरकारें ऐसी हैं, जो अपने राज्य में GST कानूनों में अपेक्षित संशोधन पारित नहीं कर सकी हैं।

30 सितंबर को रेवेन्यु सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा को लिखे लेटर में AIGF के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने कहा कि ये नोटिफिकेशंस ‘एक राष्ट्र, एक कर’ के सिद्धांत के लिए गंभीर झटका हैं और GST के ताने-बाने को तोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि यह भविष्य में जीएसटी के विभिन्न अन्य पहलुओं में विभिन्न राज्यों द्वारा एकतरफा कार्रवाइयों के दरवाजे भी खोल सकता है। Moneycontrol के पास इस लेटर की एक कॉपी मौजूद है।

जुलाई की ​बैठक में नई दर पर हुआ था फैसला

दरअसल इस साल जुलाई माह में GST काउंसिल ने फैसला किया था कि गेमिंग कंपनियों को ग्राहकों से कमाए पैसों पर 28 प्रतिशत GST का भुगतान करना होगा। काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर दांव की पूरी फेस वैल्यू पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का फैसला किया है। इसे 1 अक्टूबर से लागू करने की तैयारी है। CBIC के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा था कि सभी राज्यों को इसे अपनी अपनी-अपनी विधानसभाओं में पारित करना होगा या फिर 30 सितंबर तक अध्यादेश जारी करना होगा। ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत GST की लागू होने के 6 महीने बाद समीक्षा की जाएगी।

कब तक के लिए सस्पेंशन चाहता है AIGF

AIGF ने अनुरोध किया है कि नई कर व्यवस्था को लागू किए जाने को तब तक के लिए सस्पेंड कर दिया जाए, जब तक कि सभी राज्य GST स्कीम के अनुरूप अपने-अपने संशोधन पारित नहीं कर देते और जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता। सुप्रीम कोर्ट आने वाले हफ्तों में स्किल गेमिंग फर्म गेम्सक्राफ्ट के खिलाफ कर विभाग के कथित 21,000 करोड़ रुपये के GST चोरी मामले की अंतिम सुनवाई करने वाला है। 6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें GST विभाग के कारण बताओ नोटिस को रद्द कर दिया गया था। इस कदम का नतीजा यह हुआ कि कुछ ही दिनों में अन्य कौशल गेमिंग कंपनियों को रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स नोटिस प्राप्त होने लगे।

सचिन तेंदुलकर के निवेश वाली कंपनी लाने वाली है IPO, 740 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान

पैदा हो सकती है अनिश्चितता

AIGF के मुताबिक, जिन राज्यों ने GST कानूनों में संशोधन नहीं किया है, वहां कंपनियों को केंद्रीय GST (CGST) लगाना होगा, और राज्य GST (SGST) नहीं लगाना होगा, जबकि जिन राज्यों ने अपने GST कानूनों में संशोधन किया है, वहां कंपनियों को CGST और SGST दोनों लगाना होगा। ऐसे में कंपनियों के समक्ष अनिश्चितता पैदा हो सकती है और देश भर में अलग-अलग मात्रा में टैक्स कलेक्ट और जमा किया जा सकता है। कंपनियां पहले से ही अपने परिचालन में बड़े पैमाने पर किए जाने वाले अनिवार्य बदलाव से जूझ रही हैं। ऐसे में, उद्योग उम्मीद कर रहा है कि सरकार हालात को समझेगी और बदलावों के लिए इंडस्ट्रीज को पर्याप्त समय देगी।

Source link

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *