Maruti Suzuki के शेयरों पर आगे दबाव दिख सकता है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म CLSA ने यह अनुमान जताया है। उसने कहा है कि एक तरफ SUV सेगमेंट में कॉम्पटिशन बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ नई व्हीकल्स लॉन्च करने की मारुति की रफ्तार सुस्त पड़ती दिख रही है। इसका असर कंपनी के शेयरों पर पड़ सकता है। मारुति सुजुकी का स्टॉक्स एक महीने में करीब 11 फीसदी चढ़ा है। इसमें नई ताकत दिख रही है। इससे यह रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया है। इसके बावजूद सीएलएसए ने इसके शेयरों को बेचने की सलाह दी है। उसने टारगेट प्राइस 8,796 रुपये से बढ़ाकर 9,417 रुपये कर दी है। इसका मतलब है कि शेयर के लास्ट क्लोजिंग प्राइस (10,587 रुपये) से इसमें करीब 11 फीसदी गिरावट आ सकती है। सीएलएसए का कहना है कि यह फाइनेंशियल ईयर कंपनी के लिए शानदार रहेगा। लेकिन, अगले फाइनेंशियल ईयर में कंपनी की ग्रोथ सुस्त पड़ सकती है।
Maruti Suzuki के शेयरों को CLSA ने दी बेचने की सलाह, बताई यह वजह
मॉडल लॉन्च करने में मारुति से आगे दूसरी ऑटो कंपनियां
सीएलएसए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि SUV सेगमेंट में Maruti का लॉन्च शेयर घटकर 9 फीसदी से काफी कम रह जाएगा। उसने इसके अगले साल और 2025 में गिरकर 4-5 फीसदी रह जाने का अनुमान जताया है। इस साल यह 19 फीसदी है। अगले साल मारुति का सिर्फ एक SUV (इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) लॉन्च करने का प्लान है। इसके मुकाबले Tata Motors का अगले साल पांच मॉडल्स लॉन्च करने का प्लान है। महिंद्रा एंड महिंद्रा 4 मॉडल पेश करेगी। Hyundai भी अगले साल 4 गाड़ियां लॉन्च करेगी। एनालिस्ट्स का कहना है कि मारुति के लिए अपनी बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने का सिर्फ एक रास्ता यह है कि वह आने वाली तिमाहियों में Brezza और Fronx पर डिस्काउंट देना शुरू कर दे। हालांकि, इससे कंपनी के मार्जिन में कमी आएगी।
दूसरी कंपनियों के मॉडल में ज्यादा फीचर्स
ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट में मारुति की ब्रेजा की तुलना टाटा मोटर्स की हाल में लॉन्च Nexon से की है। उसने कहा है कि हालांकि ब्रेजा की कीमत कम है, लेकिन नेक्सन की पावर और फीचर्स ज्यादा हैं। ब्रेजा के लिए वेटिंग पीरियड चल रहा है, क्योंकि मारुति की प्रायरिटी में Fronx और Grand Vitara शामिल हैं। उसने कहा है कि इस फाइनेंशियल ईयर और अगले फाइनेंशियल ईयर में मारुति के मार्जिन में गिरावट देखने को मिल सकती है। दरअसल, एसयूवी सेगमेंट में बढ़ती प्रतियोगिता का असर मारुति के मार्जिन पर पड़ सकता है।