स्टॉक मार्केट की नब्ज बताने वाला एक अहम इंडिकेटर हालिया गिरावट के बावजूद पॉजिटिव मोमेंटम का संकेत दे रहा है। यह अहम इंडिकेटर है एडवान्स डिक्लाइन रेशियो (Advance-Decline Ratio)। यह बताता है कि मार्केट में चढ़ने वाले और गिरने वाले शेयरों का अनुपात क्या है। यह लगातार 7 महीनों से 1 के ऊपर बना हुआ है। सितंबर में यह 5 महीने के ऊपर बना हुआ है। BSE के सभी स्टॉक्स का एवरेज एडवान्स-टू-डेक्लाइन रेशियो सितंबर में 1.20 फीसदी रहा। यह अप्रैल 2023 के बाद सबसे हाई लेवल है। अगस्त में यह रेशियो 1.15 फीसदी था। जुलाई में यह 1.11 फीसदी था। सितंबर में स्टॉक मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव रहा। इसमें विदेश से आने वाली कई खबरों का हाथ रहा। डॉलर इंडेक्स बढ़ा है। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल आया है। फेडरल रिजर्व ने इंटरेस्ट रेट लंबे समय तक हाई बने रहने का संकेत दिया है। उधर, ऑयल की कीमतों में भी तेजी दिखी है।
स्टॉक मार्केट्स में गिरावट के बावजूद चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात 5 महीने की ऊंचाई पर, जानिए क्या है इसका मतलब
घरेलू बाजारों में सेंटिमेंट मजबूत
एनालिस्ट्स का कहना है कि विदेशी शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद घरेलू बाजार में सेंटिमेंट मजबूत रहा है। इसमें इंडियन इकोनॉमी की मजबूती और जेपी मॉर्गन ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में इंडियन बॉन्ड्स का इनक्लूजन प्रमुख हैं। इससे इंडियन गवर्नमेंट के बॉन्ड्स में अरबों डॉलर का निवेश आएगा। इससे सरकार को करेंट अकाउंट और फिस्कल डेफिसिट कम करने में मदद मिलेगी।
इंडिया पर बढ़ा विदेशी निवेशकों का भरोसा
Axis Securities के एनालिस्ट राजेश पालवीय ने कहा, “इकोनॉमी से जुड़े पॉजिटिव आंकड़ों, जीएसटी कलेक्शंस में उछाल, मैन्युफैक्चरिंग की अच्छी ग्रोथ और कंपनियों की कमाई बढ़ने की उम्मीद से इंडिया पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। इसके अलावा हाल में हुए G20 शिखर सम्मेलन के क्रूड में उछाल के असर को कम करने में मदद मिली है। कई सेक्टर में फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) बढ़ा है। इनमें रिन्यूएबल एनर्जी, डिफेंस और फार्मास्युटिकल्स शामिल हैं।”
राज्यों और लोकसभा चुनावों का असर मार्केट पर पड़ेगा
आने वाली तिमाहियों में राजनीति से जुड़ी खबरें आर्थिक खबरों पर हावी होंगी। देश के कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव इसी साल होने वाले हैं। अगले साल लोकसभा चुनाव होंगे। अमेरिका, ताइवान और रूस में चुनाव होने वाले हैं। इनका असर स्टॉक मार्केट्स और फंड्स के मूवमेंट पर पड़ेगा। इसके अलावा इंडिया में मानसून की बारिश कम होने का असर ग्रामीण इलाकों में मांग पर पड़ सकता है।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने दिए ज्यादा रिटर्न
सितंबर में सेंसेक्स में 1.5 फीसदी की मजबूती आई है। निफ्टी 2 फीसदी चढ़ा है। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 3.65 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 1.13 फीसदी चढ़े हैं। इस साल अप्रैल की शुरुआत से सेंसेक्स में 11.6 फीसदी और निफ्टी में 13.13 फीसदी की मजबूती आई है। इस दौरान BSE MidCap इंडेक्स 34.4 फीसदी और SmallCap Index 39.34 फीसदी चढ़ा है।