LIC को फिर नोटिस, इस बार आयकर विभाग ने मांगी 84 करोड़ की पेनल्टी

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को तीन आकलन वर्षों के लिए आयकर विभाग (Income Tax Department) से 84 करोड़ रुपये जुर्माने का नोटिस मिला है। कंपनी ने शेयर बाजारों को यह जानकारी देते हुए कहा कि उसने इस आदेश के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में LIC (Life Insurance Corporation of India) ने कहा कि आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2012-13 के लिए कंपनी पर 12.61 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं आकलन वर्ष 2018-19 के लिए 33.82 करोड़ रुपये और 2019-20 के लिए 37.58 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस तरह कुल मिलाकर 84 करोड़ रुपये जुर्माने की मांग की गई है।

आयकर विभाग की ओर से पर यह जुर्माना इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 271(1)(c) और 270A के तहत लगाया गया है। आयकर विभाग ने LIC को यह पेनल्टी नोटिस 29 सितंबर, 2023 को भेजा था, जो कंपनी की जानकारी में 3 अक्टूबर को आया।

हाल ही में मिला था 290 करोड़ का GST नोटिस

इससे पहले हाल ही में LIC को बिहार के GST प्राधिकरण से 290.50 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस मिला था। यह नोटिस बिहार के अतिरिक्त राज्य कर आयुक्त (अपील), सेंट्रल डिवीजन, पटना ने जारी किया और ब्याज एवं जुर्माने के साथ GST का भुगतान करने की मांग की है। LIC ने 22 सितंबर 2023 को शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा है वह इस नोटिस के खिलाफ GST अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष तय समय के अंदर अपील दायर करेगी। GST अधिकारियों ने LIC पर बीमाधारकों से प्रीमियम अदायगी पर लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट को नहीं लौटाने समेत कुछ अन्य उल्लंघनों के आरोप लगाए हैं। टैक्स नोटिस, बिहार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (BGST) और सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (CGST) एक्ट 2017 दोनों के सेक्शन 73(9) के तहत जारी हुआ है और ब्याज एवं जुर्माने के साथ GST का भुगतान करने की मांग की गई है।

मारुति को मिला ड्राफ्ट असेसमेंट ऑर्डर 

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (Maruti Suzuki India Limited) को आयकर विभाग की ओर से 2,159.70 करोड़ रुपये का ड्राफ्ट असेसमेंट ऑर्डर मिला है। यह ड्राफ्ट असेसमेंट ऑर्डर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए है। जब आयकर विभाग का असेसिंग ऑफिसर, असेसी द्वारा फाइल किए गए रिटर्न में मौजूद इनकम या लॉस में कोई गड़बड़ी पाता है, तो वह असेसी यानी रिटर्न फाइल करने वाली यूनिट की आपत्ति या मंजूरी हासिल करने के लिए ड्राफ्ट असेसमेंट ऑर्डर का प्रस्ताव करता है। मारुति की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ड्राफ्ट असेसमेंट ऑर्डर मिला है, जहां इनकम टैक्स रिटर्न में बताई इनकम के मुकाबले 2159.70 करोड़ का अंतर बताया गया है।

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